प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के राजभवन में जल भूषण भवन और क्रांतिकारियों की गैलरी का उद्घाटन कर दिया है. इस मौके पर वह राजभवन परिसर में स्थित ऐतिहासिक श्री गुंडी मंदिर भी जाएंगे. पुनर्निर्मित आवासीय भवन 'जल भूषण' में राज्यपाल का कार्यालय और निवास होगा. इस भवन की आधारशिला अगस्त 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रखी थी.
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र ने तो अनेक क्षेत्रों में देश को प्रेरित किया है. अगर हम सामाजिक क्रांतियों की बात करें तो जगतगुरू संत तुकाराम महाराज से लेकर बाबा साहेब आंबेडकर तक समाज सुधारकों की एक बहुत समृद्ध विरासत है. यहां संत ज्ञानेश्वर, संत नामदेव, समर्थ रामदास, संत चोखामेला, जैसे संतों ने देश को ऊर्जा दी है.
आजादी में अनगिनत लोगों का तप और तपस्या: मोदी
अगर स्वराज्य की बात करें तो छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति सांभाजी महाराज का जीवन आज भी हर भारतीय में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल कर देता है. जब हम भारत की आज़ादी की बात करते हैं, तो जाने-अनजाने उसे कुछ घटनाओं तक सीमित कर देते हैं. जबकि भारत की आजादी में अनगिनत लोगों का तप और उनकी तपस्या शामिल रही है.
महाराष्ट्र के कई शहर 21वीं सदी में देश के ग्रोथ सेंटर होंगे
पीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर हुई अनेकों घटनाओं का सामूहिक प्रभाव राष्ट्रीय था. साधन अलग थे लेकिन संकल्प एक था. सामाजिक, परिवारिक, वैचारिक भूमिकाएं चाहे कोई भी रही हों,आंदोलन का स्थान चाहे देश-विदेश में कहीं भी रहा हो,
लक्ष्य एक था - भारत की संपूर्ण आज़ादी. उन्होंने आगे कहा कि मुंबई तो सपनों का शहर है ही, महाराष्ट्र के ऐसे अनेक शहर हैं, जो 21वीं सदी में देश के ग्रोथ सेंटर होने वाले हैं. इसी सोच के साथ एक तरफ मुंबई के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाया जा रहा है तो साथ ही बाकी शहरों में भी आधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.
आंदोलन का स्वरूप लोकल और ग्लोबल था
उन्होंने कहा कि आजादी का हमारे आंदोलन का स्वरूप लोकल भी था और ग्लोबल भी. जैसे गदर पार्टी दिल से राष्ट्रीय भी थी, लेकिन स्केल मे ग्लोबल थी. श्यामजी कृष्ण वर्मा का इंडिया हाउस लंदन में भारतीयों का जमावड़ा था, लेकिन मिशन भारत की आजादी का था.
महाराष्ट्र का ये राजभवन बीते दशकों में अनेक लोकतांत्रिक घटनाओं का साक्षी रहा है. ये उन संकल्पों का गवाह रहा है जो संविधान और राष्ट्र के हित में यहां शपथ के रूप में लिए गए. अब यहां जलभूषण भवन और राजभवन में बनी क्रांतिवीरों की गैलरी का उद्घाटन हुआ है.
नेताजी के नेतृत्व में आजाद हिंद सरकार भारतीय हितों के लिए समर्पित थी, लेकिन उसका दायरा ग्लोबल था. यही कारण है कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन ने दुनिया के अनेक देशों के आजादी के आंदोलन को प्रेरित किया.
राजभवन के कार्यक्रम में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि अंडरग्राउंड 'क्रांति घाट' संग्रहालय ऐतिहासिक है. हम जिस आजादी को जी रहे हैं, उसके लिए बहुतों ने कष्ट झेले हैं. हमें इस समृद्ध इतिहास को न केवल संरक्षित करना चाहिए, बल्कि इसे जीना चाहिए. हमें आगे बढ़ते हुए इन अनमोल ऐतिहासिक यादों को अपनी नई पीढ़ी को देना चाहिए. वरना हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. जब हम जाने-पहचाने और अज्ञात क्रांतिकारियों को देखते हैं, तो उनमें से सभी को पहचानना चाहिए. उन्होंने हमारी आजादी के लिए जो बलिदान दिया है, वह अपूरणीय है.
उद्धव ने राज्यपाल के नए आधिकारिक आवास 'जल भूषण' के उद्घाटन पर तंज कसा. उद्धव ने कहा कि आपने बहुत अच्छा घर बनाया है. क्या हमें इसका आदान-प्रदान करना चाहिए. (भीड़ हंसने लगती है.)
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई पहुंचने पर सीएम उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत अन्य नेताओं ने स्वागत किया है. एयरपोर्ट से पीएम सीधे राजभवन पहुंचे. यहां अंडरग्राउंड 'क्रांतिकारी गैलरी' का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विशिष्ट अतिथि हैं. पीएम और सीएम मंच पर एकसाथ देखे गए. कार्यक्रम को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
क्या है गैलरी में खास...
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के ज्ञात और अज्ञात क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि के तौर में 2016 में राजभवन के नीचे खोजे गए बंकर में भारतीय क्रांतिकारियों की गैलरी बनाई गई है. यह उस वर्ष में समर्पित की जा रही है जब भारत अपनी स्वतंत्रता की प्लेटिनम जुबली मना रहा है. नागपुर के दक्षिण मध्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र की मदद से इतिहासकार और लेखक डॉ. विक्रम संपत के मार्गदर्शन में क्रांतिकारियों की गैलरी बनाई गई है.
देहू में तुकाराम मंदिर का उद्घाटन किया
दोपहर में सबसे पहले पीएम पुणे के देहू गांव पहुंचे. यहां उन्होंने संत तुकाराम की मूर्ति का लोकार्पण और मंदिर का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने कहा कि जगतगुरु श्रीसंत तुकाराम महाराज मंदिर का उद्घाटन करते हुए धन्य हो गया. उनके उपदेश हम सभी को प्रेरणा देते हैं. मोदी ने पुणे के देहू में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में पूजा-अर्चना की.
तुकारामजी जैसे संतों ने जीवन में अहम भूमिका निभाई
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान विठ्ठल (विष्णु अवतार) और सभी वारकरियों के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम. छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रनायक के जीवन में भी तुकाराम जी जैसे संतों ने बड़ी अहम भूमिका निभाई. आजादी की लड़ाई में वीर सावरकर जी को जब सजा हुई, तब जेल में वो हथकड़ियों को चिपली जैसा बजाते हुए तुकाराम जी के अभंग गाते थे. आज देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र पर चल रहा है. सरकार की हर योजना का लाभ हर किसी को बिना भेदभाव के मिल रहा है.
समाज में ऊंच-नीच का भाव बड़ा पाप है
मोदी ने कहा कि संत तुकाराम जी कहते थे कि समाज में ऊंच नीच का भेदभाव बहुत बड़ा पाप है. उनका ये उपदेश जितना जरुरी भगवतभक्ति के लिए है, उतना ही महत्वपूर्ण राष्ट्रभक्ति और समाजभक्ति के लिए भी है. देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का एक केंद्र है बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य को भी प्रशस्त करता है.
पालकी मार्ग का निर्माण 5 चरणों में होगा
पीएम ने कहा कि इस पवित्र स्थान का पुनर्निमाण करने के लिए मैं मंदिर न्यास और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं. अभी कुछ महीने पहले ही मुझे पालकी मार्ग में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन करने के लिए शिलान्यास का अवसर मिला था. श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग का निर्माण 5 चरणों में होगा और संत तुकाराम पालकी मार्ग का निर्माण 3 चरणों में पूरा किया जाएगा. संत ज्ञानेश्वर महाराज और संत तुकाराम महाराज हाइवे निर्माण के लिए करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च करके निर्माण किए जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य जन्म में सबसे दुर्लभ संतों का सत्संग है. संतों की कृपा अनुभूति हो गई, तो ईश्वर की अनुभूति अपने आप हो जाती है. आज देहू की इस पवित्र तीर्थ-भूमि पर आकर मुझे ऐसी ही अनुभूति हो रही है.