अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने कहा है कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी की होगी. बता दें कि अन्ना हजारे लोकपाल की मांग को लेकर अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे हैं. आज उनके अनशन का पांचवां दिन है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अन्ना ने कहा कि लोग मुझे ऐसे इंसान के तौर पर याद रखेंगे जो स्थिति से निपटता था, ऐसे इंसान के तौर पर नहीं जो आग भड़काता था. अगर मुझे कुछ हुआ तो लोग प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार मानेंगे. अन्ना हजारे ने कहा कि लोकपाल के जरिए प्रधानमंत्री के खिलाफ भी जांच हो सकती है, अगर लोग उनके खिलाफ कोई सबूत पेश करते हैं.
अन्ना जन आंदोलन सत्याग्रह के बैनर तले 30 जनवरी से केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त लाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं. इससे पहले उनके समर्थकों ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक पत्र मिला है. पत्र में गांधीवादी नेता के प्रति ‘रुखा रवैया’ झलकता है.
अन्ना हजारे के प्रवक्ता श्याम असावा ने कहा कि पीएमओ से प्रतिक्रिया मिलने पर पश्चिमी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में उनके रालेगण सिद्धि गांव में विरोध प्रदर्शन में इजाफा हुआ. असावा ने कहा कि महिलाओं सहित कुछ प्रदर्शनकारी गांव में एक टावर के ऊपर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं कुछ ग्रामीणों ने पारनेर-वाडेगवहान मार्ग पर यातायात बाधित किया.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. बता दें कि एक जनवरी को पीएमओ को भेजे पत्र में अन्ना हजारे ने केंद्र और महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल एवं लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति की मांग की थी. उन्होंने किसानों के मुद्दों के समाधान की भी मांग थी.