दरअसल जब आरोपियों को कोर्ट के बाहर पेश किया गया तो इंसाफ की मांग को लेकर बैंक ग्राहक हंगामा करने लगे. आरोपियों को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस बाद प्रदर्शन कर रहे ग्राहकों को डीसीपी श्रीकांत परोपकारी ने संबोधित किया. परोपकारी केस की जांच कर रहे हैं. इसके बावजूद पीएमसी बैंक ग्राहकों का गुस्सा शांत नहीं हुआ . इसके बाद ग्राहकों को पुलिस वैन में भरकर पुलिस मुख्यालय ले जाया गया. यहां पर पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे ने उनसे बात की.
रिजर्व बैंक से आश्वसान नहीं
संजय बर्वे ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने अबतक आरोपियों की 4056 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. आरोपियों ने पुलिस कमिश्नर के जवाब से संतुष्टि तो जताई लेकिन उनकी शंकाएं अभी भी बरकरार है, क्योंकि अब तक रिजर्व बैंक ने कोई आश्वासन नहीं दिया है. एक ग्राहक ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है वो अच्छी बात है लेकिन हम चाहते हैं कि बैंक शुरू हो और हम अपना पैसा वापस पाएं.
90 दिनों में पूरी होगी जांच
संजय बार्वे ने कहा कि 90 दिनों में जांच खत्म करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस केस की जांच के लिए एक फॉरेंसिक ऑडिटर की नियुक्ति की गई है, जो इस बात की जांच करेगा कि जब आरबीआई ने बैंक के खातों को ऑडिट किया था तो डूब रहे कर्जों का खुलासा क्यों नहीं हुआ था. पुलिस ने कहा कि कर्जे एचडीआईएल के नाम से नहीं दिखाए गए थे. ये कर्जे किसी और व्यक्ति के नाम से थे और बाद में एक संस्था के नाम ट्रांसफर कर दिया गया.
संजय बार्वे ने कहा कि वे खुद एक बैंकर रहे हैं और इस मामले में किसी को नहीं छोड़ंगे, उन्हें इस बात को बताना पडे़गा कि उन्होंने गड़बड़ियां क्यों नहीं पकड़ी. पुलिस ने कहा कि सभी निदेशकों के खिलाफ लुकआउट कॉर्नर नोटिस जारी किए गए हैं.