बैंक में लाखों रुपये, फिर भी हाथ पसारने को मजबूर. ये दर्द है पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के 15 लाख खाता धारकों का, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के फरमान की वजह से वो छह महीने में चालीस हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकते. इस पाबंदी के खिलाफ दाखिल अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया है.
पीएमसी बैंक के ग्राहकों की दिक्कतों पर दिल्ली के बिजोन कुमार मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की. इस अर्जी पर आज सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है.
बिजोन कुमार मिश्रा ने अपनी अर्जी में 15 लाख खाताधारकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए उनके लिए 100 फीसदी इंश्योरेंस कवर की मांग की थी. साथ ही कहा था कि पीएमसी बैंक में जमा धनराशि की निकासी पर तय की गई पाबंदी खत्म की जाए. ग्राहकों को जरूरत के मुताबिक रकम निकालने की छूट मिले.
क्या है पीएमसी बैंक का मामला?
पीएमसी बैंक की 137 शाखाएं हैं और यह देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है. आरोप के मुताबिक पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी है. जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदी लगा दी. इन पाबंदियों के तहत लोग बैंक में अपनी जमा राशि सीमित दायरे में ही निकाल सकते हैं.