महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या के मामले में गिरफ्तार नौ आरोपियों की पुलिस रिमांड शुक्रवार को अदालत ने 26 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. बता दें कि 12 अक्टूबर को बांद्रा ईस्ट में बाबा सिद्दीकी की उनके बेटे ज़ीशान सिद्दीकी के ऑफिस के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
26 अक्टूबर तक बढ़ाई गई रिमांड
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों को उनकी शुरुआती रिमांड की समाप्ति पर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वी. आर. पाटिल के समक्ष पेश किया गया. पुलिस ने तीन दिनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की, लेकिन अदालत ने एक दिन का विस्तार देते हुए 26 अक्टूबर तक रिमांड बढ़ा दी.
पुलिस के अनुसार, इस मामले में हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज कश्यप (21) ने मुख्य आरोपी शिवकुमार गौतम के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाई थी.
सिंह और कश्यप के अलावा, पुलिस ने प्रवीण लोंकर (30), नितिन गौतम सपरे (32), संभाजी किसन पारधी (44), प्रदीप दत्तु थोंबरे (37), चेतन दिलीप पारधी (27), और राम फुलचंद कनौजिया (43) को गिरफ्तार किया है.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की भूमिका की भी जांच
जांच में खुलासा हुआ कि पुणे निवासी प्रवीण लोंकर का भाई शुभम लोंकर, जो इस हत्याकांड के षड्यंत्र में शामिल था, जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा है. शुभम लोंकर और अन्य वांछित आरोपियों ने इस हत्या की साजिश रची और शूटरों को हथियार मुहैया कराए.
पुलिस ने बताया कि पुणे का स्क्रैप डीलर हरिश कुमार निसाद (26) ने इस हत्या की योजना के लिए आर्थिक मदद दी थी. आरोपी सपरे डोंबिवली का रहने वाला है, जबकि पारधी, थोंबरे और चेतन पारधी ठाणे जिले के अंबरनाथ के निवासी हैं. वहीं, कनौजिया रायगढ़ के पनवेल का निवासी है.
मुख्य शूटर अब भी फरार
इस हत्या के मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम और अन्य प्रमुख आरोपी शुभम लोंकर और मोहम्मद ज़ीशान अख्तर अभी फरार हैं. पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LoC) जारी कर दिया है. पुलिस इस हत्या को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े नेटवर्क से जोड़कर जांच कर रही है.