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राज्यपाल होने का कोई 'सुख' नहीं, सिर्फ 'दुख' है, बोले- महाराष्ट्र के गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी

महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बयान दिया जो कि चर्चाओं में आ गया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल होने में कोई खुशी नहीं है और इस पद पर होने पर बहुत दुख है.

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भगत सिंह कोश्यारी (फाइल फोटो)
भगत सिंह कोश्यारी (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को एक बयान दिया जो कि चर्चाओं में आ गया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल होने में कोई खुशी नहीं है और इस पद पर होने पर बहुत दुख है.

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महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में कोश्यारी ने कहा कि भले ही पद पर कोई खुशी नहीं है, लेकिन जब आध्यात्मिक नेता गवर्नर हाउस में आते हैं और वे ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तो उन्हें बहुत खुशी मिलती है.

विवाद पैदा होने की आशंका

बयान पर सवाल किए जाने पर भाजपा नेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि बयान पर कोई विवाद पैदा नहीं होना चाहिए और राज्यपाल ने दूसरे संदर्भ में ऐसा कहा था.

पहले भी बयानों से खड़ा हुआ है बवाल

बता दें कि अपने बयान के चलते पहले भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विवादों का सामना कर चुके हैं. 

कोश्यारी के बयान से मचा था बवाल

भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले महीने ही एक सार्वजनिक समारोह में मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज को 'पुराने समय का प्रतीक' कहकर विवाद खड़ा कर दिया था. इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी की खूब आलोचना हुई थी. इस बीच भगत सिंह कोश्यारी ने अमित शाह को एक पत्र भी लिखा था. इसमें उन्होंने लिखा था, 'मैं देश के महापुरुषों का अपमान करने की बात सपने में भी नहीं सोच सकता. आज के कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति का उदाहरण देना महान नेताओं का अपमान नहीं हो सकता. मैं मुगल युग के दौरान साहस और बलिदान के प्रतीक महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंहजी और छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महापुरुषों का अपमान करने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता.'

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