भारत बदल रहा है और ऐसा ही कुछ बॉम्बे हाई कोर्ट भी मानती है. हाई कोर्ट ने कहा है कि शादी का वादा कर संबंध बनाने का हर मामला बलात्कार नहीं होता, कोर्ट ने तो यह भी कहा है कि भारत में खासकर बड़े शहरों में अब शादी से पूर्व सेक्स कोई चौंकाने वाली बात नहीं है.
दरअसल कोर्ट ने यह टिप्पणी नासिक के राहुल पाटिल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की. राहुल पाटिल पर उनकी पूर्व गर्लफ्रेंड सीमा देशमुख ने शादी का वादा कर बलात्कार का आरोप लगाया था. सीमा ने दावा किया था कि संबंध बनाने के बाद वह प्रेग्नेंट हो गई थी लेकिन वादा करने के बावजूद राहुल ने किसी और लड़की से शादी कर ली. दूसरी तरफ इस मामले के अभियुक्त राहुल ने अपनी सफाई में कहा कि उनका रिश्ता आपसी रजामंदी से बना था लेकिन उनकी जाति अलग होने के कारण शादी नहीं हो सकी.
गौरतलब है कि राहुल और सीमा दोनों पेशे से वकील हैं. एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक दोनों 1999 से एक दूसरे के साथ थे और उनके बीच 2006 में शारीरिक संबंध स्थापित हुए थे. सीमा ने दावा किया कि राहुल ने पहले उससे शादी का वादा किया था लेकिन 2009 में उसने शादी से इनकार कर दिया. सीमा के मुताबिक उसने इसके बाद आत्महत्या का प्रयास भी किया था. हालांकि इसके बाद भी दोनों के बीच शारीरिक संबंध कायम होते रहे.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस मृदुला भाटकर ने कहा, आजकल प्रेम सबंधों में या शादी से पहले शारीरिक संबंध उतनी बड़ी बात नहीं है जितनी कि ये पहले हुआ करती थी. खासकर मुंबई और पुणे जैसे मैट्रो शहरों में तो यह और भी आम है. जस्टिस भाटकर ने आगे कहा, हालांकि पश्चिमी देशों की तरह खुलापन हमारे समाज में अब भी नहीं आया है. हमारे यहां अब भी शादी से पहले युवाओं के सेक्स संबंधों को ठीक नजर से नहीं देखा जाता. लेकिन कोर्ट समाज और युवाओं के संबंधों में आ रहे बदलाव से अनजान नहीं रह सकती.