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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सिर्फ 40 सेकंड में पगड़ी बांधने वाले दयासागर बोले- ये गर्व के क्षण

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को महज 40 सेकंड में पगड़ी बांधने वाले दयासागर ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमने कई हस्तियों को पगड़ियां बांधी हैं, लेकिन सबसे बड़ा मान हमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पगड़ी बांधने का मिला.

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राष्ट्रपति को पगड़ी बांधते दयासागर
राष्ट्रपति को पगड़ी बांधते दयासागर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आजतक ने दयासागर से की खास बातचीत
  • कई बड़ी हस्तियों को बांध चुके हैं पगड़ी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को महज 40 सेकंड में पगड़ी बांधने वाले दयासागर ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमने कई हस्तियों को पगड़ियां बांधी हैं, लेकिन सबसे बड़ा मान हमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पगड़ी बांधने का मिला. दयासागर हुबाले कोल्हापुर के मशहूर पगड़ीवाले हैं. उन्होंने कहा कि यह गर्व का क्षण था. दयासागर कई बड़ी हस्तियों को पगड़ी बांध चुके हैं.  

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कोल्हापुर शहर के सोन्या मारुति परिसर में रहने वाले 41 वर्षीय दयासागर बालसिंग हुबाले की तारीफ खुद राष्ट्रपति ने अपने भाषण में की है. 6 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महाराष्ट्र के कोकण इलाके के रायगढ़ किले पर आए थे. बहादुर मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को वंदन करने का यह अवसर था. 

पगड़ी बांधते दयासागर

इस मौके पर पगड़ी बांधने वाले दयासागर को कोल्हापुर से विशेष आमंत्रित किया गया था. 1 मिनट के अंदर पगड़ी बांधने की बात सुरक्षा अधिकारियों ने दयासागर से कही थी. 

पगड़ी बांधते दयासागर

इसके बाद समय ना गंवाते हुए दयासागर ने 12 मीटर लंबे जॉर्जेट के कपड़े की पगड़ी बांधने की शुरुआत की और महज 40 सेकंड में पगड़ी बांध दी. पगड़ी बांधने के बाद राष्ट्रपति ने हंसकर दयासागर की ओर देख उनकी प्रशंसा की. उसके बाद राष्ट्रपति ने 10 मि​नट तक दयासागर और उनके परिवार के बारे में जानकारी ली.

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2018 में दिल्ली में भी बांधी थी राष्ट्रपति को पगड़ी

दयासागर ने बताया कि वर्ष 2018 में शिवजयंती के मौके पर दिल्ली में पहली बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पगड़ी बांधी थी. वह लम्हा राष्ट्रपति को भी याद आया. दयासागर ने बताया कि दिल्ली में जो पगड़ी बांधी थी, उसमें 53 सेकंड लगे थे, क्योंकि उस समय कुर्सी की ऊंचाई ज़्यादा थी और उस समय भी सुरक्षा अधिकारी ने राष्ट्रपति के सामने खड़े रहने से उन्हें रोका था, लेकिन राष्ट्रपति ने खुद आगे आकर सुरक्षा अधिकारी को रोका. उसके बाद दयासागर ने राष्ट्रपति को पगड़ी बांधी.

भावुक कर देने वाले थे 10 से 12 मिनट

दयासागर बड़े अभिमान से बताते हैं कि उन्हें ये मौका सिर्फ सांसद युवराज संभाजीराजे छत्रपति और युवराजनी संयोगिता राजे छत्रपति के कारण मिला. उन्हें राष्ट्रपति को 2 बार पगड़ी बांधने का सम्मान मिला. फोटो लेने के बारे में खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुरक्षा अधिकारी से कहा था. उन 10 से 12 मिनटों के बारे में सोचकर दयासागर भावुक हो गए.

पगड़ी बांधते दयासागर

दयासागर ने बताया कि उनके दादा धोंडी हुबाले छत्रपति राजाराम महाराज की सेवा में थे. फिर बालसिंग हुबाले ने पगड़ी बांधने की कला कोल्हापुर में काटकर गुरुजी से सीखी. पिता 50 प्रकार की पगड़ियां बांधते थे, पहले जहां दयासागर के पिता 4 से 5 प्रकार के कपड़ों की ही पगड़ियां बांधते थे, वहीं आज पगड़ी के 40 प्रकार के कपड़े बाजार में उपलब्ध हैं.

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देवगौड़ा, राजीव गांधी को भी दादा व पिता बांध चुके पगड़ी

दयासागर ने बताया कि उनके दादा और पिता ने पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा और शरद पवार सहित महाराष्ट्र की सभी बड़ी हस्तियों को पगड़ी बांधी है. उनके पिता ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 6 बार पगड़ी बांधी. पगड़ी बांधने के इस व्यवसाय से दयासागर प्रति महीना लगभग 15 हजार रुपये कमा लेते हैं.

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