मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक एक्ट( पीएमएलए) कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता छगन भुलबज की अस्थायी जमानत की अर्जी ठुकरा दी. भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद भुजबल ने होली मनाने के लिए अस्थायी जमानत की मांग की थी.
नहीं दी जी सकती अस्थायी जमानत
पीएमएलए कोर्ट ने कहा कि भुजबल 31 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए हैं. उन पर संगीन मामले चल रहे हैं. इसलिए फिलहाल अस्थायी जमानत नहीं दी जा सकती.
ईडी, एसीबी कर रहा है भुजबल केस की जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और महाराष्ट्र सरकार का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कई मामलों में भुजबल के खिलाफ जांच कर रहा है. कुछ मामलों में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. भुजबल को मंबई की एक विशेष अदालत के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
भुजबल से मिलीं थी सांसद सुप्रिया सुले
एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने शनिवार को ऑर्थर रोड जेल जाकर भुजबल से मुलाकात की थी. मुलाकात के बारे में उन्होंने किसी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा था कि यह होली के मौके से पहले सामान्य मुलाकात थी.
एक ही जेल में हैं भुजबल और उनके भतीजे
भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल एक ही जेल में बंद हैं. समीर को भी भ्रष्टाचार के मामले में ही एक फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. भुजबल ने इससे पहले अपने बेकसूर होने की बात कही थी. उनके खिलाफ नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण और कलीना (मुंबई) में जमीन हथियाने से संबंधित आपराधिक मामले में जांच चल रही है.