'आज तक' द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फडणवीस की निंदा की. जब उनसे पूछा गया कि सरकार देढ लाख रुपए कर्ज माफ कर रही है तो उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख की कर्ज मुक्ति की जो शर्तें हैं वो हमें मान्य नहीं हैं.
हमलावर रुख अख्तियार करते हुए उन्होंने कहा, "बीजेपी ने 2014 के चुनाव के समय मैनिफेस्टो में जो कहा था उसे पूरा नहीं होता देख 2015 में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया है जिसमें कहा कि मैनिफेस्टो में दिए गए वचन हम पूरे कर ही नहीं सकते."
जब उनसे पूछा गया कि जिन किसानों ने कर्ज का भुगतान किया है उनका क्या? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, "जिन किसानों ने ईमानदारी से कर्ज का भुगतान किया है उन्हें सरकार को उनके कर्ज की राशि का 10 प्रतिशत वापस देना चाहिए."
वेंकैय्या नायडू के बयान 'किसानों की कर्जमुक्ति फैशन' पर टिप्पणी करते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "वेंकैय्या नायडू पहले ये स्पष्ट करें कि ऐसा कहने को उन्हें नरेंद्र मोदी ने कहा है क्या? या फिर ये उन्होंने नरेंद्र मोदी को कहा. नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश के चुनाव के समय आचार संहिता शुरू होने के बाद लोगों से कहा था कि हमें वोट दो हम कर्ज मुक्ति देंगे, उन्होंने वहां कर्ज मुक्ति की, और अब तुम्हीं कहते हो कि यह फैशन बन गया है."
जब उनसे यह पूछा गया कि कर्ज मुक्ति का बोझा सामान्य नागरिक पर होगा क्या? तो उन्होंने कहा, "ये सब कर्ज मुक्ति सामान्य जनता ही करने वाली है. सरकार के पास नोट छापने की मशीन नहीं होती. हां अगर नरेंद्र मोदी के घर नोट छापने की मशीन होती तो बात अलग थी. ये सब पैसा सामान्य जनता द्वारा दिये गए टैक्स के रूप में है. ये पैसा सरकार का नहीं है.