सिविल राइट्स एक्टिविस्ट और लेखक राम पुनियानी को धमकी भरे फोन आए हैं. गुरुवार-शुक्रवार की रात उनके घर पर फोन कर उन्हें धमकी दी गई कि वे सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने वाले काम करना बंद कर दें. इस सिलसिले में राम पुनियानी ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है.
पुनियानी आईआईटी के प्रोफेसर रहे हैं और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर किए जाने वाले अपने कामों के लिए वह जाने जाते हैं. सांप्रादियक सौहार्द के लिए वह सोशल मीडिया, यूट्यूब वीडियो और व्याख्यान देते रहते हैं. मामला आपराधिक धमकी की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.
शिकायत के मुताबिक, पुनियानी को गुरुवार रात को अपने लैंडलाइन फोन पर अलग-अलग नंबरों से फोन आए. पहले फोन करने वाले ने पुनियानी के साथ गाली गलौज की. फोन करने वाले ने यह भी कहा कि उन्हें हिंदुत्व विरोधी गतिविधियों को रोकना चाहिए. फोन करने वाले 15 में अपना घर छोड़ने की धमकी दी. साथ नतीजे भुगतने की धमकी दी.
पांच मिनट बाद फिर दूसरा फोन आया जिसे राम पुनियानी ने रिसीव किया. इस बार भी धमकाने वाले लहजे में उन्हें बुरा भला कहा गया. फोन करने वाले ने पूछा कि क्या वह राम पुनियानी से ही बात कर रहा है. जब पुनियानी ने इससे इनकार किया तो उसने फोन रख दिया. फोन करने वाले का नंबर अभी पहचाना नहीं जा सका है.
राम पुनियानी ने कहा कि, यह काफी परेशान करने वाला मामला है. मेरे परिवरा को मेरी सुरक्षा की चिंता है. उम्मीद है कि प्रशासन इसे गंभीरता से लेगा. यह पहला मौका नहीं है जब ऐसा हुआ है.
प्रोफेसर राम पुनियानी से इस सिलसिले में मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है और कार्रवाई करने की मांग की है. राम पुनियानी ने यह भी बताया कि इस साल मार्च में उनके घर पर पासपोर्ट इंक्यावरी के नाम पर आए थे जबकि उन्होंने पासपोर्ट के अप्लाई भी नहीं किया था. उनका मानना है कि दोनों घटनाओं के तार कहीं न कही आपस में जुड़ते हैं.