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पुणे: बटाट्या, भांग्या, ऊंटाड्या, जिल्बया, डुल्या...जानिए हनुमान मंदिरों के इन अजब नामों का राज

पुणे में कई प्राचीन हनुमान (मारुति) मंदिर भी मौजूद है. इनमें से कुछ मंदिरों के नाम पहली बार सुनकर कोई भी हैरान होता है. जैसे बटाट्या मारुति, भांग्या मारुति, ऊंटाड्या मारुति, डुल्या मारुति, जिल्बया मारुति और पत्र्या मारुति. आइए जानते हैं कि क्या है हनुमान मंदिरों के इन अजब नामों की कहानी.   

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पुणे के हनुमान मंदिर
पुणे के हनुमान मंदिर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुणे के हनुमान मंदिरों के नामों की अजीब कहानियां
  • आसपास के व्यापार और गतिविधियों से प्रभावित हैं नाम
  • नाम बदलने की कोशिश का लोगों ने किया विरोध

पुणे शहर व्यापार और उद्योगों के अलावा अपने समृद्ध इतिहास की वजह से भी जाना जाता है. इसी विरासत की कई गौरवशाली निशानियां भी इस शहर में मौजूद हैं. पुणे में कई प्राचीन हनुमान (मारुति) मंदिर भी मौजूद है. इनमें से कुछ मंदिरों के नाम पहली बार सुनकर कोई भी हैरान होता है. जैसे बटाट्या मारुति, भांग्या मारुति, ऊंटाड्या मारुति, डुल्या मारुति, जिल्बया मारुति और पत्र्या मारुति. आइए जानते हैं कि क्या है हनुमान मंदिरों के इन अजब नामों की कहानी.   

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1 बटाट्या मारुति- पुणे के शनिवार वाडा के सामने स्थित मैदान में कई सभाओं, कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है. इसी मैदान में स्थित मंदिर को बटाट्या मारुति कहते है. बटाटा मराठी में आलू को कहते हैं. पेशवाओं के राज में शनिवार को यहां पास में आलू-प्याज का बड़ा बाजार लगता था. तभी से इस मंदिर को बटाट्या मारुति के नाम से जाना जाने लगा.   

2 भांग्या मारुति - शनिवार वाडा से श्रीमंत दगडुशेठ गणपति की ओर जाते समय दाईं दिशा में हनुमान का एक मंदिर स्थित है- भांग्या मारुति. कहा जाता है कि इस मंदिर के आसपास के क्षेत्र में भांग बेची जाती थी. इसी वजह से इस मंदिर को भांग्या मारुति बुलाया जाने लगा.

3 उंटाड्या मारुति - पुणे के ज़्यादातर इलाकों में हनुमान या मारुति मंदिरों की मौजूदगी है. कुछ मारुति मंदिर पेशवा काल मे उनके परिसरों के आसपास चलने वाली गतिविधियों के नाम से पहचाने जाने लगे. पुणे के रस्ता पेठ में पेशवाओं की फौज में ऊंटों को बांधने की जगह थी. वहीं पास में स्थित हनुमान मंदिर को ऊंटाड्या मंदिर के नाम से जाना जाने लगा.

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4 डुल्या मारुति- पुणे के गणेश पेठ में लक्ष्मी रोड पर स्थित डुल्या मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो इस मंदिर का निर्माण करीब साढ़े तीन सदी पहले हुआ. इसे स्वामी समर्थन ने बनवाया था. पानीपत के तीसरे युद्ध के दौरान अहमद शाह अब्दाली के साथ मराठा लड़ रहे थे. युद्ध के दौरान इस मंदिर की मूर्ति हिलने (डोलने) लगी थी, तभी से इस प्राचीन मंदिर को डुल्या मारुति कहा जाता है.  

5. जिल्बया मारुति- पुणे में तुलसीबाग और मंडी बाजार के पास स्थित हनुमान मंदिर को जिल्बया मारुति के नाम से जाना जाता है. पुराने समय में इस मंदिर के पास जलेबी जैसी मिठाई बनाने वाले बैठा करते थे, इसी वजह से मंदिर का ये नाम पड़ गया. 

6. पत्र्या मारुति - नारायण पेठ स्थित इस प्राचीन हनुमान मंदिर पर 1867 से टीन के पत्रे (शीट्स) लगे हैं). बताया जाता है कि ससून अस्पताल के निर्माण के दौरान टीन के पत्रे मंगाए गए थे. उन्हीं में से  कुछ इस हनुमान मंदिर में लगाए गए. तभी से इस मंदिर को पत्र्या मारुति के नाम से जाना जाने लगा.  

पुणे के मंदिरों के अजब लगने वाले इन नामों को धर्मदाय आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर) कार्यालय की ओर से बदलने का प्रयास भी किया गया. लेकिन पुणे के लोगों के विरोध की वजह से ऐसा नहीं हो सका. पुणे के लोगों का कहना है कि मंदिरों के ये नाम पुणे की समृद्ध ऐतिहासिक पहचान और धार्मिक विरासत का हिस्सा हैं, इसलिए इनके जो नाम प्रचलित हैं, वहीं बने रहने चाहिए.  

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