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पुणे: बिना इजाजत कर रहे थे कोविड मरीजों का इलाज, 4 डॉक्टरों पर केस, एक गिरफ्तार

पुलिस की मौजूदगी में स्वास्थ्य अधिकारियों ने रिकॉर्ड्स चेक किए. शुरुआती जांच से पता चला कि वहां चार ऐसे डॉक्टर्स नियमित तौर पर काम कर रहे थे जिन्हें कोविड-19 मरीजों के इलाज की अनुमति ही नहीं थी.

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पुणे में चार डॉक्टर गिरफ्तार (फोटो- आजतक)
पुणे में चार डॉक्टर गिरफ्तार (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एक-एक मरीज से पचास हजार रुपए ले रहा था डिपॉजिट
  • पुणे के बाहर के थे चारों डॉक्टर
  • शिकरापुर कोविड सेंटर से हैरान कर देने वाला मामला

पुणे के शिकरापुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक कोविड सेंटर में मरीजों का इलाज करते ऐसे चार डॉक्टर पाए गए जिन्हें कोविड इलाज  करने की अनुमति ही नहीं थी. ये चारों डाक्टर पुणे जिले के बाहर के हैं. इनमें से एक डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया. बाकी तीन डॉक्टर उस वक्त सेंटर पर मौजूद नहीं थे जब पुलिस वहां पहुंची. इन तीनों डॉक्टरों को शिकरापुर पुलिस स्टेशन पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया. ये रिपोर्ट लिखे जाने तक उन्होंने थाने में रिपोर्ट नहीं किया था. 

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जिला परिषद में BDO के पद पर तैनात अधिकारी विजय सिंह नलवाड़े ने आजतक को बताया कि सुराग मिलने के बाद इन डॉक्टरों की असलियत तक पहुंचने की तैयारी की गई. ये सब वरिष्ठ अधिकारियों से मिले निर्देशों के आधार पर किया गया. नलवाडे खुद मरीज बनकर बजरंगवाडी स्थित आधार अस्पताल में पहुंचे.

वहां मौजूद कथित डॉ रामेश्वर बंडगर ने इलाज के लिए 50 हजार रुपए डिपॉजिट करने के लिए कहा, साथ ही नलवाडे से उनका सीटी स्कोर पूछा. नलवाडे ने फिर बंडगर से फिर उनके मेडिकल एजुकेशन के सर्टिफिकेट और कोविड मरीजों के इलाज के लिए जरूरी अनुमति पत्र मांगा. पुलिस को पहले से ही सूचना दे दी गई थी. इसलिए वो भी तत्काल मौके पर पहुंच गई. 


स्वास्थ्य अधिकारियों ने रिकॉर्ड्स किए चेक

पुलिस की मौजूदगी में स्वास्थ्य अधिकारियों ने रिकॉर्ड्स चेक किए. शुरुआती जांच से पता चला कि वहां चार ऐसे डॉक्टर्स नियमित तौर पर काम कर रहे थे जिन्हें कोविड-19 मरीजों के इलाज की अनुमति ही नहीं थी. इस घटनाक्रम के बाद पुणे ग्रामीण के प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) के एक और अधिकारी ने चार डॉक्टरों के खिलाफ शिकरापुर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया.  

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BDO नलवाड़े ने आजतक को ये भी बताया कि  बजरंगवाडी स्थित आधार अस्पताल के कोविड सेन्टर से चार गंभीर मरीजो को बड़े अस्पताल में रेफर किया गया था जहां उनकी मौत हो गई. 


चारों डॉक्टर पुणे से बाहर के हैं

जिन चार डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई उनमें, डॉ रामेश्वर बंडगर, डॉ निखिल इंग्ले, डॉ विजय दोईफोडे और डॉ घाटे शामिल हैं. चारों पुणे से बाहर के हैं. यवतमाल के रहने वाले बंडगर को गिरफ्तार कर लिया गया है, बंडगर ने बेचलर ऑफ मेडिकल साइंस (आल्टरनेटिव मेडिसिन) किया है. बाकी तीनों डॉक्टर अमरावती के हैं. अस्पताल की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक इन तीनों डॉक्टरों से संपर्क किया गया. इन तीनों से जल्दी से जल्दी पुलिस स्टेशन पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया.  

पुलिस के मुताबिक बंडगर को कोर्ट ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है. बंडगर से पता लगाया जाएगा कि क्यों उसने कोविड मरीजों का इलाज करना शुरू किया, उसके बाद आगे जांच की जाएगी. 

चारों डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज

सूत्रों के मुताबिक पुलिस से बंडगर ने दावा किया कि उसने ऑनलाइन अनुमति के लिए आवेदन किया था और उसे इसके बाद एक SMS मिला था. पुलिस का कहना है कि ये देखा जाएगा कि क्या एक SMS  उनकी ओर से मरीजों का इलाज करने के लिए काफी था या उन्हें ऐसा करने से पहले लिखित में कोई पत्र मिलने की आवश्यकता थी. चारों डॉक्टरों के खिलाफ महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर् एक्ट 1961 की धारा 33 और बॉम्बे नर्सिंग होम एक्ट की धारा 3/6 के तहत केस दर्ज किया गया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने बिना किसी अधिकृत अनुमति, रजिस्ट्रेशन लैटर और अन्य मान्यता प्राप्त दस्तावेज के बिना ही कोविड-19 मरीजों का इलाज शुरू कर दिया.  

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शिकरापुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर हेमंत शेडागे ने आजतक डॉ बंडगर की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. बंडगर सोमवार तक पुलिस हिरासत में है. 

 

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