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कोरोना महामारी की त्राहि त्राहि के बीच वैक्सीनेशन को लेकर राजनीतिक पक्षपात के आरोप भी सामने आए हैं. पुणे शहर से सटे वाघोली इलाके के लोगों का आरोप है कि आने वाले नगर निगम चुनाव को देखते हुए शिवसेना के स्थानीय नेता सरकारी अधिकारियों की मदद से चुनींदा सोसाइटीज में वैक्सीनेशन मुहिम चला रहे हैं.
वाघोली के रहने वाले संजीव कुमार पाटिल ने आजतक से बातचीत में कहा, “2022 में पुणे नगर निगम के चुनाव होने हैं, वहीं वाघोली ग्रामीण क्षेत्र को पुणे नगर निगम के क्षेत्र में शामिल किया जा रहा है. इस इलाके से नगरसेवक (पार्षद) की दौड़ में कई स्थानीय नेता है. शिवसेना नेता ज्ञानेश्वर माउली आबा कटके ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुडी टीकाकरण अधिकारी डॉ वर्षा गायकवाड़ की मदद से तीन रिहाइशी सोसाइटीज़ में बिना जिला परिषद की अनुमति के तीन दिन तक वैक्सीनेशन कराया. यहीं नहीं खुद के फोटो के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर इन सोसाइटीज में वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जानकारी भी दी गई. ऐसा भी कहा जा रहा है कि शिवसेना के जिलापरिषद सदस्य ने इसे पोस्ट किया.”
वहीं शिवसेना नेता ज्ञानेश्वर माउली आबा कटके ने अपने खिलाफ सभी आरोपों को गलत बताया है. उनके मुताबिक राजनीतिक द्वेष रखने वाले लोग उन पर पक्षपात के आरोप लगा रहे हैं.
संजीव कुमार पाटिल के मुताबिक “वाघोली के लोग सोसाइटी परिसरों में सीनियर सिटीजंस को वैक्सीन लगाने के खिलाफ नहीं है- इसकी भी जरूरत है. लेकिन बड़ी बात ये है कि ऐसी मुहिम की चरणबद्ध ढंग से रणनीति बनाई जाए. इसके लिए पॉजिटिव केसों की संख्या और प्रभावित आबादी के हिसाब से सोसाइटीज में कैम्प लगाए जाएं. पहला टारगेट वृद्ध और 45 साल से ऊपर आयुवर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने का हो. जो ऐसी मुहिम चला रहे हैं उन्हें ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वैक्सीन को लेकर उन सोसाइटीज के बाहर के लोग वंचित न रह जाएं.”
शिवसेना नेता कटके का कहना है, “मैंने कुछ गलत नहीं किया है. ग्रामीण इलाको में अनेक गांवों में प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के बाहर भी बुजुर्ग लोगो का टीकाकरण किया जा रहा है. 24 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक अशोक बापू पवार के कहने पर जिले में ही आवलवाड़ी गांव में 45 साल से ऊपर की उम्र वाले 100 नागरिको का टीकाकरण किया गया था. इसके लिए कोविशिल्ड वैक्सीन की डोज़ का इंतजाम पुणे छावनी परिषद के स्वास्थ विभाग से किया गया. तालुका स्वास्थ अधिकारी डॉ खरात भी इस वैक्सीनेशन मुहिम के दौरान डॉ वर्षा गायकवाड़ के साथ मौजूद रहे थे.”
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शिवसेना नेता कटके के मुताबिक “आवलवाड़ी गांव में 24 अप्रैल को जब टीकाकरण हुआ था तब किसी ने आपत्ति नहीं जताई थी. 26 , 27 और 28 अप्रैल को पूर्वरंग सोसाइटी, स्पेलंडर काउंटी और मार्बल प्रिया सोसाइटी नाम की तीन सोसाइटीज में 165 बुजुर्ग लोगों का वैक्सीनेशन किया गया तो यह अन्य पार्टी के स्थानीय नेताओं को ये बर्दाश्त हुआ और इसकी शिकायत जिला परिषद के सीईओ आयुष प्रसाद से कर दी गई.”
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी टीकाकरण अधिकारी डॉ वर्षा गायकवाड़ ने अपनी सफाई में कहा कि “जिन सोसाइटीज में वैक्सीनेशन किया गया वहां पॉजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा है, साथ ही 45 से ऊपर की उम्र के लोगों का ही वैक्सीनेशन किया गया. इनमें अधिकतर बुजुर्ग ऐसे थे जिन्हें गंभीर बीमारियों की वजह से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाना संभव नहीं था और उन्हें ऐसा किए जाने पर संक्रमण का डर था. इसी को देखते हुए नियम के तहत उनका वैक्सीनेशन केंद्र से बाहर सोसाइटीज में किया गया.”
जिला परिषद के सीईओ आयुष प्रसाद ने इस पूरे मामले की जांच की बात कही है. प्रसाद के मुताबिक अगर नियमों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
आजतक ने इस संबंध में पुणे नगर निगम के आयुक्त विक्रम कुमार से भी बात की. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में टीकाकरण केंद्रों के बाहर भी सोसाइटीज में सीनियर सिटीजंस के टीकाकरण की योजना पर काम किया जा रहा है. इसे ‘वैक्सीनेशन ऑन व्हील्स’ नाम दिया जाएगा.
इस बीच शिरूर लोकसभा सीट से NCP सांसद डॉ अमोल कोल्हे ने कहा है कि अगर टीकाकरण केंद्रों के बाहर कहीं वैक्सीनेशन हो रहा है तो उसे रोक देना चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक अगले साल नगर निगम चुनावों को देखते हुए सिर्फ विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच ही खींचतान ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना और एनसीपी के बीच भी अधिक से अधिक वर्चस्व हासिल करने की कोशिशों से इनकार नहीं किया जा सकता.
बता दें कि वाघोली क्षेत्र में 125 हाउसिंग सोइटीज़ है. यहां 165 नए प्रोजेक्ट्स को निर्माण के लिए हरी झंडी मिली हुई है. यहां दो लाख की आबादी है. यहां के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर हर दिन 250 से 350 लोग वैक्सीनेशन के लिए जमा होते हैं. बड़ी संख्या में लोगों के एक जगह जुटे रहने से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.