महाराष्ट्र के पुणे में तेज रफ्तार ‘पोर्श’ कार की चपेट में आकर दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत के मामले में विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. महाराष्ट्र में विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने इसे लेकर उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर निशाना साधा. दोनों ही नेताओं ने कहा कि आरोपी को पुलिस स्टेशन पर पिज्जा की पेशकश की गई और इसकी जांच होनी चाहिए.
सुप्रिया सुले ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को यह खुलासा करना चाहिए कि किसने पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में पुलिस पर दबाव बनाने का प्रयास किया.
किसने की पिज्जा की पेशकश?
सुप्रिया सुले ने कहा, 'मैं देवेंद्र फडणवीस से जवाब मांग रही हूं, उन्होंने कहा कि पुलिस को राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए. पुलिस पर राजनीतिक दबाव किसने डाला? केवल सत्ता में बैठे लोग ही पुलिस पर दबाव बना सकते हैं. उस लड़के की जमानत के लिए किसने फोन किया और इतने जघन्य अपराध के बावजूद नाबालिग को जमानत कैसे मिली? किसने उस लड़के की मदद की? किसने उसे पिज्जा और बिरयानी की पेशकश की? सच्चाई सामने आनी चाहिए. '
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संजय राउत के आरोप और पुलिस का खंडन
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने इस मामले को लेकर सरकार पुणे पुलिस कमिश्नर को सेवा से बर्खास्त करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि किशोर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस स्टेशन में उसे पिज्जा और बर्गर परोसा गया. उन्होंने कहा कि पुणे पुलिस ने एक अमीर लड़के की मदद की जिसने 2 युवा लोगों की जान ले ली और अब वीडियो सामने आया है कि लड़का शराब पी रहा था. हकीकत से सभी वाकिफ थे लेकिन फिर भी उन्होंने उसकी मदद की. राउत ने कहा कि इसमें अजित पवार गुट के विधायक उनकी मदद के लिए वहां मौजूद थे.
संजय राउत के आरोपों का पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने खंडन किया करते हुए कहा कि घटना के बाद हिरासत में रहने के दौरान किशोर को पिज्जा नहीं परोसा गया था.
एनसीपी विधायक की मौजूदगी पर उठाए सवाल
इससे पहले बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया कि एक्सीडेंट के बाद अजीत पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के विधायक सुनील तिंगारे ने मामले में दखल दिया था.उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी जानना चाहती हूं कि कैसे (विधायक) सुनील तिंगारे ने दखल दिया और (किशोर को) जमानत दिलाने में मदद की. राज्य सरकार लापरवाह और असंवेदनशील है. चाहे वह शराब पीकर गाड़ी चलाने का मामला हो या फिर पुणे में मादक पदार्थों की बरामदगी... ये सरकार मुद्दों को सुलझाने में रूचि नहीं ले रही है.’
आरोपों पर विधायक की सफाई
सुनील तिंगरे ने इन आरोपों पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि सुबह 3:21 बजे मेरे पीए की तरफ से फोन आया कि एक बड़ा हादसा हो गया है. इसके बाद कई कार्यकर्ताओं और विशाल अग्रवाल की भी कॉल मेरे पास आई. सुनील तिंगरे ने कहा कि मैंने हमेशा पब और बार के खिलाफ स्टैंड लिया है. राजनीतिक में आने से पहले मैं विशाल अग्रवाल के साथ काम करता था. यही उनके और मेरे बीच का रिश्ता है. मैंने मृतक के परिजनों की मदद की. मैं थाने के सीसीटीवी फुटेज खोलने की मांग करता हूं.
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आपको बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में रविवार तड़के कथित तौर पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था. इस हादसे में दोनों की मौत हो गयी थी, पुलिस ने दावा किया कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था. आरोपी कार चालक दरअसल रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है.