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पुणे पोर्श कांड: पिता और दादा समेत 3 लोगों पर एक और केस दर्ज, अग्रवाल परिवार के खिलाफ 5वीं FIR

पुणे पोर्श कांड में आरोपी नाबालिग के पिता (विशाल अग्रवाल) और दादा(सुरेंद्र अग्रवाल) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पुलिस ने मुश्तैग मोमिन के शिकायत पर विशाल अग्रवाल और सुरेंद्र अग्रवाल और तीसरे पार्टनर के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और डकैती के आरोप में एक और एफआईआर दर्ज की है.

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पुणे पोर्श कांड (फाइल फोटो).
पुणे पोर्श कांड (फाइल फोटो).

पुणे पोर्श कांड में आरोपी नाबालिग के पिता (विशाल अग्रवाल) और दादा(सुरेंद्र अग्रवाल) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पुलिस ने विशाल अग्रवाल और सुरेंद्र अग्रवाल और तीसरे पार्टनर के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और डकैती के आरोप में एक और एफआईआर दर्ज की है. बता दें कि अग्रवाल परिवार के सदस्यों के खिलाफ यह पांचवीं एफआईआर है.

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यह शिकायत मुश्तैग मोमिन द्वारा दर्ज कराई गई है. जानकारी के मुताबिक, साल 2019 में मोमिन ने सुरेंद्र अग्रवाल को पुणे के कोंडवा इलाके में एक जमीन विवाद को सुलझाने में मदद की थी, जिसके लिए उन्हें 1.50 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर देने का वादा किया गया था. उन्हें 18 लाख रुपये का भुगतान किया गया.

ये भी पढ़ें- पुणे पोर्श कांड: सभी आरोपियों की पुलिस रिमांड बढ़ी, फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग

'पुलिस अधिकारी उनकी जेब में हैं...'

इसके अलावा सुरेंद्र अग्रवाल के नाम पर संपत्ति के पंजीकरण हस्तांतरण के बाद मोमिन को ब्रह्मा कॉर्प के कार्यालय में बुलाया गया. फिर सुरेंद्र अग्रवाल ने धमकी दी कि वह अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर्स के करीबी हैं. पुलिस अधिकारी उनकी जेब में हैं. अगर, मोमिन ने चालाकी की, तो वह उस पर अजय भोसले की तरह हमला करेंगे और इस बार अजय भोसले  की  जगह  मोमिन मारा जाएगा. 

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'आईपीसी की धारा 420 और 34 जोड़ दी गई'

बता दें कि पोर्श कांड के आरोपी किशोर के दादा-पिता और अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और 34 जोड़ दी है. पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि पुलिस ने 19 मई को पोर्श कार दुर्घटना में शामिल किशोर के पिता-दादा और अन्य तीन के खिलाफ पुणे के वडगांव शेरी इलाके में कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय चलाने वाले एक व्यक्ति डीएस कतुरे ने चंदननगर थाने में विनय काले नाम के व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

'शशिकांत ने 9 जनवरी को की आत्महत्या'

शिकायत के अनुसार, डीएस कतुरे के बेटे शशिकांत कतुरे ने विनय काले से निर्माण काम के लिए 5% की दर पर लोन लिया था. वक्त पर लोन न चुका पाने के बाद काले ने कथित तौर पर मूल राशि में चक्रवृद्धि ब्याज जोड़ना शुरू कर दिया और शशिकांत कतुरे को परेशान करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि लगातार उत्पीड़न से तंग आकर शशिकांत ने 9 जनवरी, 2024 में आत्महत्या कर ली.

शिकायत मिलने के बाद आरोपी विनय काले के खिलाफ चंदननगर थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 और 506 के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस के अनुसार, इस मामले में जांच के बाद किशोर के पिता, दादा और तीन अन्य की  भूमिका सामने आने पर पुलिस ने आत्महत्या के मामले में आईपीसी की धारा 420 और 34 जोड़ दी है.

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