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पुणे: स्पेशल कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत, सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में दी जमानत

राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मिलिंद पवार ने कहा कि उनके मुवक्किल के अदालत में पेश होने के तुरंत बाद, उन्होंने जमानत याचिका दायर की. जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को 25000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. अधिवक्ता ने कहा कि अदालत ने रायबरेली से लोकसभा सांसद को उसके समक्ष पेश होने से स्थायी छूट भी दे दी है.

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राहुल गांधी. (photo source @PTI)
राहुल गांधी. (photo source @PTI)

पुणे की एक विशेष अदालत ने हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर पर की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को जमानत दे दी. राहुल गांधी के वकील ने ये जानकारी दी है.

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राहुल गांधी के अधिवक्ता ने बताया कि एमपी/एमएलए अदालत ने लोकसभा में विपक्ष के नेता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे. अदालत ने उन्हें 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी.

न्यायिक मजिस्ट्रेट (फर्स्ट क्लास) और एमपी-एमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश अमोल शिंदे की अध्यक्षता वाली कोर्ट के समक्ष सीनियर कांग्रेस नेता मोहन जोशी राहुल गांधी के जमानतदार के रूप में उपस्थित थे.

25 हजार के मुचलके पर मिली जमानत

राहुल का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मिलिंद पवार ने कहा कि उनके मुवक्किल के अदालत में पेश होने के तुरंत बाद, उन्होंने जमानत याचिका दायर की. जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को 25000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. अधिवक्ता ने कहा कि अदालत ने रायबरेली से लोकसभा सांसद को उसके समक्ष पेश होने से स्थायी छूट भी दे दी है.

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सावरकर के पोते ने दर्ज कराया था मामला

ये मामला वी डी सावरकर के पोते सात्यकी की शिकायत पर दर्ज किया गया था, उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदुत्व आइकन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.

इससे पहले सत्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील संग्राम कोल्हटकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित होने की मांग करने वाले राहुल गांधी के आवेदन पर आपत्ति जताई. कोल्हटकर ने तर्क दिया कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी आरोपी को जमानत लेने से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश होने की अनुमति देता हो. हालांकि, अदालत ने कांग्रेस नेता को कार्यवाही में ऑनलाइन शामिल होने की अनुमति दे दी. अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.

लंदन कार्यक्रम में की थी टिप्पणी

शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने लंदन कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सावरकर ने एक किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर) खुशी महसूस हुई थी.

शिकायत के अनुसार, स्वतंत्रता सेनानी ने यह कहीं नहीं लिखा था और कांग्रेस नेता की टिप्पणी का उद्देश्य उन्हें बदनाम करना था. उस वक्त कोर्ट ने पुणे पुलिस को आरोपों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. विश्रामबाग पुलिस ने जांच के बाद कहा कि शिकायत में प्रथम दृष्टया सच्चाई है.

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वहीं, राहुल गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र का हवाला देते हुए 2 दिसंबर को अदालत की पिछली सुनवाई में उपस्थित न होने की छूट मांगी थी. उन्होंने तर्क दिया था कि वह संसद के सत्र में भाग ले रहे हैं. तब उनके वकील ने आश्वासन दिया था कि विपक्षी सांसद 10 जनवरी को अदालत में पेश होंगे.

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