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पुणे: RT-PCR टेस्ट के नाम पर देते थे गलत निगेटिव रिपोर्ट, दो लैब टेक्नीशियन गिरफ्तार

जाहिर है इन दिनों कोविड महामारी प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी राज्य या शहर जाने के लिए लोगों को पहले RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होती है. ऐसे में अगर किसी शख्स को जल्दबाजी होती थी तो ये दोनों उनके घर जाकर स्वैब ले लेते थे और बिना जांच किए ही रिपोर्ट दे देते थे.   

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कोरोना टेस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा (सांकेतिक फोटो)
कोरोना टेस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • RT-PCR टेस्ट के नाम पर लोगों से करते थे ठगी
  • पुणे पुलिस ने दो लैब टेक्नीशियन को किया गिरफ्तार

पुणे में एक जाने-माने कोविड टेस्टिंग लैब के दो टेक्नीशियन को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर RT-PCR टेस्ट के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप है. डेक्कन पुलिस स्टेशन के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने आजतक से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है. जांच अधिकारी ने कहा कि सागर अशोक हांडे (25) और दयानंद भीमराव खराते (21) के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

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वरिष्ठ जांच अधिकारी ने मॉडस ऑपरेंडी की चर्चा करते हुए कहा कि दोनों आरोपी ने संक्रमित रोगियों से सीधे कॉन्टेक्ट बना लिया था. ये पेशेंट पहले जेनपैथ डायग्नोस्टिक के थे लेकिन आगे चलकर दोनों आरोपियों ने RT-PCR टेस्ट के लिए लोगों ने सीधे संपर्क करना शुरू कर दिया. वे उन्हें रिपोर्ट जल्दी देने का वादा करते थे वो भी उनके घर जाकर. 

जाहिर है इन दिनों कोविड महामारी प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी राज्य या शहर जाने के लिए लोगों को पहले RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होती है. ऐसे में अगर किसी शख्स को जल्दबाजी होती थी तो ये दोनों उनके घर जाकर स्वैब ले लेते थे और बिना जांच किए ही रिपोर्ट दे देते थे.   

ऐसे ही एक कस्टमर ने बताया कि उन्हें गंभीर कोविड के लक्षण थे, लेकिन उन्हें निगेटिव रिपोर्ट थमा दी गई. जिसके बाद शख्स ने लैब के लैंडलाइन नंबर पर सीधे कॉन्टेक्ट किया. जिसके बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. डेक्कन पुलिस दोनों आरोपियों को क्रिमिनल कोर्ट में ले जाएगी और इनकी रिमांड मांगेगी. पुलिस को आशंका है कि इस रैकेट में और लोग भी शामिल हो सकते हैं.  

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