महाराष्ट्र की सियासत में पिछले कुछ दिनों में सियासत के कई रंग दिखे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता की बागडोर फिसल गई तो ढाई साल तक विपक्ष में बैठने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब 'ट्रेजरी बेंच' पर आ गई है. तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच रविवार को एक और बदलाव हो गया. विधानसभा का नया स्पीकर चुनने के लिए हुई वोटिंग में बीजेपी उम्मीदवार की बड़ी जीत हुई.
स्पीकर पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 वोट मिले. महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवार राजन साल्वी को 107 वोट ही मिल सके. राहुल नार्वेकर ने अपने प्रतिद्वंदी राजन साल्वी को 47 वोट के बड़े अंतर से शिकस्त देकर ये सुनिश्चित कर दिया कि स्पीकर की कुर्सी बीजेपी के पाले में रहेगी. राहुल नार्वेकर की ये जीत एकनाथ शिंदे गुट के लिए तो खास है ही, इसके साथ ही महाराष्ट्र में एक अनोखा संयोग भी बन गया.
महाराष्ट्र में अब विधान परिषद और विधानसभा की कार्यवाही के संचालन की जिम्मेदारी अब ससुर-दामाद के कंधों पर आ गई है. सूबे के दोनों सदनों के पीठासीन अब ससुर-दामाद बन गए हैं. विधानसभा स्पीकर के चुनाव में जीतकर राहुल नार्वेकर पीठासीन के आसन तक पहुंच चुके हैं. विधान परिषद में पीठासीन के आसन पर पहले से ही राहुल नार्वेकर के ससुर रामराजे नाइक निंबालकर हैं.
रामराजे नाइक निंबालकर शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता हैं. निंबालकर के दामाद राहुल नार्वेकर मुंबई के कोलाबा विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं. ससुर एनसीपी में हैं तो दामाद बीजेपी में. राहुल नार्वेकर की गिनती बीजेपी के उन नेताओं में होती है, जिनके संबंध शिवसेना और एनसीपी के लोगों से भी अच्छे हैं.
राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. राहुल नार्वेकर शिवसेना और एनसीपी में भी रह चुके हैं. राहुल नार्वेकर अब महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए हैं और उनके ससुर रामराजे नाइक निंबालकर पहले से ही विधान परिषद के सभापति हैं. अब सूबे की विधायिका का संचालन एक तरह से कहें तो ससुर-दामाद की जोड़ी करेगी. हालांकि, दोनों ही अलग-अलग दलों से आते हैं.