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शिवसेना से मतभेद दूर करने को पूर्व बॉस उद्धव से मिले रेल मंत्री सुरेश प्रभु

महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी की ओर से शिवसेना का मान-मनौव्वल शुरू हो गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना से बातचीत में सफलता का भरोसा जताते हुए कहा कि वह पहले भी बीजेपी की मित्र रही है और भविष्य में भी दोनों दल मित्र बने रहेंगे.

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Suresh Prabhu
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महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी की ओर से शिवसेना का मान-मनौवल शुरू हो गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना से बातचीत में सफलता का भरोसा जताते हुए कहा कि वह पहले भी बीजेपी की मित्र रही है और भविष्य में भी दोनों दल मित्र बने रहेंगे. सुलह के प्रयासों के बीच रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की है.

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फड़नवीस ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘शिवसेना हमेशा से मित्र दल रहा है और भविष्य में भी हम मित्र रहेंगे.’ उनका यह बयान उस वक्त आया है जब दो दिनों पहले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने उम्मीद जताई थी कि शिवसेना के साथ बातचीत में कुछ अच्छा निकलकर सामने आएगा. दोनों दलों में सुलह करने और गठबंधन को लेकर दबाव बढ़ रहा है ताकि एनसीपी से दूरी रखी जा सके.

शिवसेना छोड़ BJP में आ गए थे प्रभु
बीते 9 नवंबर को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले प्रभु ने शिवसेना के साथ अपना 18 साल पुराना संबंध खत्म कर लिया था. बीती रात उन्होंने ‘मतभेदों को दूर करने’ के लिए उद्धव से मुलाकात की.

शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि ‘प्रभु हमारे पुरानी सहयोगी हैं. अब वह रेल मंत्री भी हैं. मुंबई और महाराष्ट्र के विकास के लिए उनके एवं उद्धव जी के बीच कई चीजों पर चर्चा हुई.’ राउत ने कहा कि ‘अगर दो लोगों के बीच किसी कारणवश गलतफहमी होती है तो मुलाकात के बाद यह दूर हो जाती है. उद्धव जी के स्वभाव को लंबे वक्त से जानते हुए वह किसी के खिलाफ बैर नहीं रखेंगे.’

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उद्धव और प्रभु के बीच मुलाकात की खासी अहमियत है क्योंकि पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा था कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार में शामिल होने को लेकर शिवसेना के लिए दरवाजे खुले हैं. शीतकालीन सत्र 8 दिसंबर से शुरू हो रहा है.

फड़नवीस ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच आरएसएस मध्यस्थता नहीं कर रहा है. दोनों दलों के बीच विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट गया था.

विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने 22 साल के अपने राजनीतिक जीवन में इस तरह की आलोचना का कभी सामना नहीं किया जितना विश्वास प्रस्ताव का सामना करने के बाद तीन दिन में किया.’

(इनपुट: भाषा)

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