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मुंबई: राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट पर कोर्ट ने कहा- हाजिर करो, लेकिन पुलिस नाकाम

महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे के खिलाफ 6 अप्रैल को सांगली की जिला कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. यह गैर जमानती वारंट साल 2008 के एक केस में जारी हुआ था.

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MNS चीफ राज ठाकरे (फाइल फोटो)
MNS चीफ राज ठाकरे (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जिला कोर्ट ने राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था
  • गैर-जमानती वारंट 2008 के एक मामले में जारी हुआ था

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर पर जारी घमासान के बीच राज ठाकरे (Raj Thackeray) से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आई है. पता चला है कि उनके खिलाफ पिछले महीने गैर जमानती वारंट जारी हुआ था, जिस पर पुलिस ने अब तक एक्शन नहीं लिया है.

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जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे के खिलाफ 6 अप्रैल को सांगली की जिला कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. यह गैर जमानती वारंट साल 2008 के एक केस में जारी हुआ था. इसमें उनके खिलाफ IPC की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत केस दर्ज किया गया था.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से मुंबई पुलिस कमिश्नर को कहा गया है कि वह राज ठाकरे को गिरफ्तार करके कोर्ट में हाजिर करे, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हुआ है. मुंबई पुलिस ने अबतक कोर्ट के ऑर्डर का पालन नहीं किया है.

लाउडस्पीकर विवाद: महाराष्ट्र सरकार ने राज को नोटिस भेजा

इस वक्त महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद की गूंज है. राज ठाकरे ने कहा है कि लाउडस्पीकर लगाकर अजान के खिलाफ वह 4 मई यानी कल से आंदोलन करेंगे. इसमें मस्जिदों के सामने ही हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा. राज ठाकरे का कहना है कि मस्जिद से लाउडस्पीकर पर नमाज बंद होनी चाहिए. वरना वह मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालिसा करेंगे.

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पहले ऐसा करने के लिए तीन मई की तारीख तय की गई थी. लेकिन आज ईद को ध्यान में रखकर राज ने इसे एक दिन टाल दिया था. अब महाराष्ट्र सरकार ने MNS नेताओं को नोटिस दिया है कि अगर किसी तरह सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो उसकी वसूली नेताओं से ही की जाएगी.

 

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