महाराष्ट्र की सियासत में हर रोज किसी न किसी वजह से उबाल पैदा हो ही जाता है. पिछले दिनों जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ बैठे, तो ऐसा लगा कि दोनों 'बिछड़े' भाई अब फिर से एक हो जाएंगे. पर फिलहाल शिवसेना व एमएनएस के बीच मिलाप की संभावना कम ही है. बाल ठाकरे की पुण्यतिथि पर मिले राज-उद्धव
दरअसल, राज ठाकरे के ताजा बयान से दोनों भाइयों के बीच रिश्ते में गर्माहट और कम हो गई है. राज ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने दोनों पार्टियों को मिलाकर एक किए जाने जैसा कोई विचार नहीं दिया है. दोनों भाई बाल ठाकरे की दूसरी पुण्यतिथि पर शिवाजी पार्क में सोमवार को साथ-साथ दिखे थे.
राज ठाकरे ने पुणे में कहा कि शिवसेना व एमएनएस के एक होने की अटकलें महज भावनाओं पर आधरित हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजें अचानक ही हकीकत नहीं बन जाया करती हैं. उन्होंने कहा कि अपने चाचा बाल ठाकरे की पहली पुण्यतिथि पर वे शिवाजी पार्क नहीं जा सके थे, क्योंकि उस समय वे किसी अन्य काम में व्यस्त थे. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि अगर इस बार वे वहां गए, तो इसमें गलत क्या है?
राज ठाकरे ने सफाई दी कि उद्धव ठाकरे से उनकी मुलाकात तो हुई, पर उस दौरान किसी राजनीतिक मसले पर बात नहीं हुई. बहरहाल, देखना यह है कि राज और उद्धव की सियासत आगे क्या रंग लाती है.