महाराष्ट्र में छह राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग जारी है. मतदान के बीच मुंबई की एक विशेष अदालत ने जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के लिए जमानत देने से इनकार कर दिया है. एनसीपी के दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति देने को लेकर कोर्ट में अर्जी दी थी, लेकिन राहत नहीं मिली है. कोर्ट के इस फैसले से शिवसेना के अगुवाई वाले महाराष्ट्र महाविकास अघाड़ी को सियासी तौर पर झटका लगा है, लेकिन सवाल है कि इससे क्या राज्यसभा चुनाव में किसका समीकरण गड़बड़ाएगा?
छह राज्यसभा सीटों के लिए सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में 22 सालों में यह पहला मौका है जब महाराष्ट्र के राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की नौबत में शिवसेना और बीजेपी के बीच एक-एक वोट के लिए शह-मात का खेल चल रहा है. राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए करीब 41 वोट की जरूरत होती है. ऐसे में नवाब मलिक और अनिल देशमुख को वोटिंग के लिए कोर्ट से राहत नहीं मिलने से शिवसेना का सियासी तौर पर झटका लगा है.
बता दें, मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने राज्य की छह राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव में वोटिंग करने के लिए एक दिन की जमानत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. ऐसे में अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के इस तर्क से सहमति जताई कि कैदियों के पास मतदान का अधिकार नहीं है. इससे शिवसेना का सियासी समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ा गया है.
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, लेकिन राज्यसभा चुनाव में नवाब मलिक और अनिल देशमुख को इजाजत नहीं दी. इसके अलावा शिवसेना के एक विधायक के निधन के चलते अब यह आंकड़ा घटकर 285 पर पहुंच गया है. इस तरह से महाविकास अघाड़ी के विधायकों की संख्या भी हम हो गई है.
शिवसेना के 55, एनएसपी के 51, कांग्रेस के 44, सपा के 2, पीजीपी के 2 और AIMIM के दो विधायक के समर्थन के साथ हैं. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. इस तरह यह आंकड़ा 169 पहुंचता है, लेकिन मलिक और देशमुख को वोटिंग के लिए जमानत नहीं मिल सकी. इसके चलते यह आंकड़ा 167 पर पहुंच गया. वहीं बीजेपी के 106 विधायकों के साथ 7 निर्दलीय विधायकों के समर्थन मिलाकर 113 का आंकड़ा हो रहा है. वहीं, 5 विधायक ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. विधानसभा के मौजूदा विधायकों की संख्या को देखते हुए बीजेपी आसानी से अपने दो राज्यसभा सीट जीत सकती है. वहीं, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस भी एक-एक राज्यसभा सीट आसानी से जीत लेगी. ऐसे में लड़ाई छठी सीट पर कब्जाने की है, जिसके लिए बीजेपी के तीसरे प्रत्याशी धनंजय महाडिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच है.
मौजूदा समीकरण को देखें तो बीजेपी की विधानसभा में 106 सीटें हैं. ऐसे में वो 2 राज्यसभा सीटें आसानी से जीत सकती है. इसके अलावा, पार्टी के पास 22 वोट अतरिक्त बच रहे हैं, जिसके चलते उसे अपने तीसरे कैंडिडेट को जिताने के लिए 7 निर्दलीयों ने भी समर्थन देने का भरोसा दिया है. इस तरह से बीजेपी को तीसरे कैंडिडेट के जीत के लिए 12 वोटों की और भी जरूरत है.
वहीं, महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों दलों के एक-एक राज्यसभा सीट जीतने के बाद चौथी सीट पर जीत का परचम फहराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. ऐसे में अनिल देशमुख और नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव में वोट न देने की इजाजत मिलने से निश्चित तौर पर शिवसेना के दूसरे कैंडिडेट के लिए चिंता बढ़ गई है. हालांकि, शिवेसना निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के विधायकों के जरिए जीत की आस लगाए हैं, लेकिन बीजेपी भी सेंधमारी करती नजर आ रही है.
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, डा. अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक प्रत्याशी हैं जबकि एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल, शिवसेना की तरफ से संजय राउत और संजय पवार और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी कैंडिडेट हैं. इस तरह से छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में है.