केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे की आलोचना करते हुए उनकी टिप्पणी को बेकार बताया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज ठाकरे को अपनी आरक्षण विरोधी टिप्पणी वापस लें, नहीं तो दलित और ओबीसी समुदाय आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मनसे उम्मीदवारों का बहिष्कार करेंगे.
दरअसल, सोमवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पंढरपुर में कहा कि स्थानीय लोगों को नौकरी के अवसरों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसरों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसमें जाति की जरूरत क्यों होनी चाहिए? अगर प्राइवेट सेक्टर लोगों को रोजगार दे रहा है तो हमें ये सोचना चाहिए कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण से कितने लोगों को फायदा होगा. सभी समुदायों को समझना चाहिए कि उन्हें वोट के लिए मूर्ख बनाया जा रहा है.
'अगर वापस नहीं लेते टिप्पणी तो...'
सामाजिक न्याय राज्य मंत्री अठावले ने ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वह अपनी टिप्पणी वापस नहीं लेते हैं तो दलितों, आदिवासियों और ओबीसी को विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के उम्मीदवारों का बहिष्कार करना चाहिए.
राज ठाकरे ने सोलापुर में कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में किसी व्यक्ति को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल करना शामिल है, जिसमें ओबीसी, मराठा और अन्य समुदायों के छात्रों की जरूरतों की उपेक्षा की जा रही है. यह स्पष्ट है कि ये राजनेता हमें धोखा दे रहे हैं और यह संभावना नहीं है कि हम उनके कार्यों से कुछ हासिल करेंगे.
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय ओबीसी कैटेगरी में श्रेणी में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक रामदास अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) का महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में दलित वोटों पर खासा प्रभाव है और वह महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दल के रूप में चुनाव लड़ती है.
अक्टूबर में होगा विधानसभा चुनाव
आपको बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर इस साल अक्टूबर में चुनाव होने हैं. मुंबई शहर और मुंबई उपनगरीय जिला सामूहिक रूप से 36 विधायकों को राज्य विधानसभा में भेजते हैं.