पत्रकार शशिकांत वारिशे की दुर्घटना में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कोंकण रिफाइनरी विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक वालम ने आरोप लगाया है कि पत्रकार वारिशे की हत्या कोई हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या थी. वालम ने मामले की गहन जांच और कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है.
दरअसल, सोमवार को थार कार और दुपहिया वाहन की टक्कर में राजापुर के पत्रकार शशिकांत वारिशे की मौत हो गई थी. पंढरीनाथ आंबेरकर को पुलिस ने इस मामले में एक संदिग्ध आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है और उसे 7 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. वारिशे 'महानगरी टाइम्स' अखबार के लिए काम कर रहे थे.
हादसे वाले दिन यानी सोमवार सुबह वारिशे ने सुबह 8 बजकर 3 मिनट के बाद 'कोकन एनवायरनमेंट अपडेट्स' ग्रुप पर एक खबर पोस्ट की थी. 'प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बैनर पर गंभीर अपराध में आरोपी की फोटो-रिफाइनरी विरोधी किसानों की सनसनीखेज आरोप' ऐसी खबर का फोटो पोस्ट किया था.
यह खबर रिफाइनरी समर्थक पंढरीनाथ आंबेरकर के बैनर से जुड़ी थी. इसके बाद राजापुर में पेट्रोल पंप के सामने दोपहर करीब सवा एक बजे पंढरीनाथ अंबरकर की महिंद्रा थार कार ने पत्रकार शशिकांत वारिस की बाइक में टक्कर मार दी. टक्कर में वारिस गंभीर रूप से घायल हो गया. उन्हें आगे के इलाज के लिए कोल्हापुर रेफर कर दिया गया
मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई. इस बीच कोंकण रिफाइनरी विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक वालम ने आरोप लगाया है कि यह सुनियोजित हत्या है. वालम ने मामले की गहन जांच और कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है. वालम ने कहा है कि यह पत्रकार लगातार रिफाइनरी विरोध को लोगों के सामने पेश कर रहा था, इसलिए यह साजिश है.
वारिश द्वारा समाचार पोस्ट करने के ठीक 4 से 5 घंटे बाद यह दुर्घटना हुई. वारिशे को पंढरीनाथ अंबरेकर की कार ने टक्कर मार दी थी, जिसके बारे में खबर थी. इसलिए वालम ने आरोप लगाया है कि यह सोची-समझी साजिश है, यह सुनियोजित हत्या है. वालम ने इस पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की है.
(रिपोर्ट- राकेश)