scorecardresearch
 

'मुंबई में घटी मराठियों की आबादी, उनके लिए रिजर्व हों 50% घर', उद्धव गुट के नेता ने उठाई मांग

शिवसेना यूबीटी नेता अनिल परब ने कहा कि डेवलपर्स द्वारा मराठी लोगों को जानबूझकर घर देने से इनकार करने का एक स्पष्ट पैटर्न है. उन्होंने विले पार्ले में एक बिल्डर द्वारा  मराठी लोगों को घर देने से इनकार करने की हालिया घटना का भी जिक्र किया, जिसके पीछे का कारण उनका नॉन वेजिटेरियन होना था.

Advertisement
X
अनिल परब (L) और उद्धव ठाकरे. (Photo: X/@ShivSenaUBT)
अनिल परब (L) और उद्धव ठाकरे. (Photo: X/@ShivSenaUBT)

लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने एक बार फिर महाराष्ट्र में चल रहे विधान परिषद और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मुंबई में 'माटी के बेटे' की घटती आबादी का मुद्दा उठाया है. मुंबई में घर न मिलने के कारण मराठी लोगों के प्रवास को रोकने के लिए मुंबई स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार अनिल परब ने राज्य विधानमंडल में एक निजी विधेयक पेश किया है. इसमें मुंबई में बनने वाले नए भवनों में मराठी लोगों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है.

Advertisement

अनिल परब ने कहा कि इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि मुंबई में मराठी लोगों का प्रतिशत और कम न हो. परब ने विधेयक के माध्यम से एक कानून बनाने की मांग की है, जिसमें डेवलपर्स को मराठी लोगों के लिए घर आरक्षित करना अनिवार्य हो. परब ने बिल में कहा है कि यदि कोई डेवलपर ऐसा करने में विफल रहता है, तो कानून में इसके लिए छह महीने की कैद या 10 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया जाए. इस विधेयक के पीछे के उद्देश्य को समझाते हुए उन्होंने कहा कि हाल के समय में मुंबई में खानपान और धर्म के आधार पर मराठी लोगों को घर देने से इनकार करने के कई मामले सामने आए हैं. 

अनिल परब ने जोर देकर कहा कि धर्म या भोजन संबंधी प्राथमिकताओं के आधार पर कोई भी भेदभाव असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि डेवलपर्स द्वारा मराठी लोगों को जानबूझकर घर देने से इनकार करने का एक स्पष्ट पैटर्न है. उन्होंने विले पार्ले में एक बिल्डर द्वारा  मराठी लोगों को घर देने से इनकार करने की हालिया घटना का भी जिक्र किया, जिसके पीछे का कारण उनका नॉन वेजिटेरियन होना था. इस मामले को लेकर विले पार्ले के मराठी लोगों ने बिल्डर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने दावा किया कि मीडिया द्वारा इस मुद्दे को उजागर किए जाने के बाद डेवलपर ने माफी मांगी, और  सरकार ने अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया. 
 
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दो से पांच हजार वर्ग फुट के भव्य अपार्टमेंट के निर्माण के बजाय, जिन पर अत्यधिक शुल्क लिया जाता है, डेवलपर्स को मध्यम आय वाले मराठी परिवारों के लिए उनकी सामर्थ्य के अनुरूप 500 से 700 वर्ग मीटर के फ्लैट बनाने पर विचार करना चाहिए. राज्य में चार विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव की घोषणा कर दी गई है. अनिल परब मुंबई स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और एमवीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर 26 जून को वोटिंग होगी.

Live TV

Advertisement
Advertisement