शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के नेता मनोहर जोशी को गीता का संदर्भ याद दिलाते हुए सलाह दी है कि वह कर्म करते रहें, फल की इच्छा न करें.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व लोकसभा स्पीकर मनोहर जोशी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे को एक हो जाना चाहिए. उद्धव ठाकरे को परोक्ष रूप से निशाने पर लेते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि अगर बाल ठाकरे जिंदा होते और सरकार ने उनके पिता के स्मारक के निर्माण में देर की होती तो वह सरकार गिरा देते.
दरअसल शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो का स्मारक मुंबई के शिवाजी पार्क में बनना है, लेकिन उनके निधन के करीब एक साल गुजर जाने के बावजूद यह नहीं बन पाया है.
इसके बाद उद्धव की ओर से पहली बार इस पर प्रतिक्रिया आई है. उद्धव ने 'सामना' में अपने लेख में यह बात कही. मनोहर जोशी को कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने लिखा, 'अगर शिवसेना न होती तो मुख्यमंत्री और लोकसभा स्पीकर तो क्या कोई कॉरपोरेटर भी नहीं बन पाता.'
उद्धव के लेख में लिखा गया है कि पद के सपने देखने वाले लोगों को मालूम होना चाहिए कि पार्टी में कुछ जरूरी बदलाव किए ही जाएंगे. राजनीति में इन दिनों स्वार्थ ज्यादा अहम हो गया है. सेना में यह कभी बर्दाश्त नहीं किया गया और आगे भी नहीं किया जाएगा.'
गौरतलब है कि मनोहर के बयान से नाराज शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पार्टी की दशहरा रैली के दौरान उनकी हूटिंग कर दी थी, जिसके बाद वह मंच छोड़कर चले गए थे.