दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख केस में आंतरिक जांच रिपोर्ट लीक मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को 2 दिन की सीबीआई रिमांड भेज दिया है. इसी मामले में देशमुख के दामाद से भी पूछताछ की गई. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
सीबीआई ने जांच रिपोर्ट लीक मामले में अपने ही डिपार्टमेंट के सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार किया और सब इंस्पेक्टर से पूछताछ के बाद देशमुख के PA के वकील को भी गिरफ्तार कर लिया था.
वकील आनंद डागा को सीबीआई ने बुधवार रात करीब 11 बजे गिरफ्तार किया और फिर उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाई थी. दोनों को इसके बाद कोर्ट में पेश किया गया. जहां सीबीआई ने दोनों की 7 दिन की रिमांड की मांग की, लेकिन दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपी को दो दिन की रिमांड पर भेज दिया है.
बचाव पक्ष के वकील ने जब अदालत में सुनवाई के दौरान एफआईआर की मांग की तो सीबीआई की टीम ने अदालत के सामने खुलासा करते हुए बताया कि अभी इस मामले में एक सीक्रेट ऑपरेशन चल रहा है इसलिए एफआईआर नहीं दी जा सकती.
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सीबीआई ने अभिषेक तिवारी के दिल्ली और प्रयागराज में उनके परिसरों पर भी छापेमारी भी की थी. दरअसल अभिषेक तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने देशमुख के करीबी लोगों से अवैध तरीके से रिश्वत ली. इतना ही नहीं सीबीआई अफसर पर अनिल देशमुख के वकील के साथ संपर्क में रहने का भी आरोप लगा है, हालांकि कोर्ट में अभिषेक का कहना था कि वो इन आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखता और उसे एक साजिश का शिकार बनाया गया.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान पता चला कि निचले स्तर के एक सीबीआई अधिकारी ने अनिल देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच को प्रभावित करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली है. और प्रारंभिक जांच की कुछ रिपोर्ट को लीक भी किया. जिसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई और इसके बाद सीबीआई ने इस पूरे मामले में 31 अगस्त को मामला दर्ज किया. और फिर इन दोनों की गिरफ्तारी की गई.
अनिल देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी से भी पूछताछ की गई. हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया था. कथित तौर पर पिछले सप्ताह अनिल देशमुख मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को कई सोशल मीडिया और मैसेंजर प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया था.