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क्या आदिवासी वोट बैंक पर है RSS? महाराष्ट्र में आज से बंजारा महाकुंभ शुरू, ईसाई मिशनरी-धर्मांतरण का उठेगा मुद्दा

महाराष्ट्र के जलगांव के गोदरी में आज से आदिवासियों का बंजारा महाकुंभ शुरू हो रहा है. इसे आरएसएस ने आयोजित किया है. संघ के पदाधिकारी का कहना है कि मिशनरियों द्वारा बंजारा समुदाय के सदस्यों के धर्मांतरण के मामलों में वृद्धि के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने यह आयोजन किया गया है. माना जा रहा है कि महाकुंभ से बीजेपी का आदिवासी वोट बैंक बढ़ेगा, जिससे लोकसभा चुनाव में फायदा होगा.

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महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित बंजारा महाकुंभ 30 जनवरी तक चलेगा (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित बंजारा महाकुंभ 30 जनवरी तक चलेगा (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आदिवासी समाज का कुंभ आयोजित किया है. इसे बंजारा महाकुंभ नाम दिया गया है. यह छह दिवसीय महाकुंभ जलगांव के गोदरी गांव में 500 एकड़ भूमि पर आज शुरू हो रहा है, जो 30 जनवरी तक चलेगा. संघ के एक पदाधिकारी का दावा है कि इस कुंभ में 10 लाख से ज्यादा बंजारा समुदाय के लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम में आरएसएस के वरिष्ठ सदस्य सुरेश 'भैयाजी' जोशी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस शामिल होंगे.

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संघ के पदाधिकारी का कहना है कि मिशनरियों द्वारा बंजारा समुदाय के सदस्यों के धर्मांतरण के मामलों में वृद्धि के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने इस महाकुंभ का आयोजन किया गया है. उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से ईसाई मिशनरी बंजारा समुदाय के सदस्यों को गुमराह करके उनका धर्म परिवर्तित कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि असामाजिक ताकतें भी लगातार उनके इतिहास, संस्कृति, धर्म और परंपराओं के बारे में झूठ फैलाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ उन्हें रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आदिवासी और बंजारा लोग हिंदू समाज का अभिन्न अंग बने रहें.

उन्होंने कहा कि चुनाव वाले राज्यों से खानाबदोश जातियों - गोर बंजारा, लबाना और नाइकदा  के 10 लाख से अधिक लोगों के मेगा इवेंट में भाग लेने का अनुमान है. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के अलावा गोवा, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ से जन जातियों के लोग जुटेंगे.

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पता हो कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है और तेलंगाना में एक विकल्प के रूप में उभरने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. ये तीन राज्य 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के लिए अहम हैं. इस कुंभ को आयोजित करने के लिए बंजारा समुदाय के युवा और 3,000 आरएसएस कार्यकर्ता दो महीने से लगे हुए हैं. 

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