अपने हालिया बयान को लेकर विवादों में घिरे RSS नेता भैयाजी जोशी ने सफाई दी है. भैयाजी जोशी ने कहा कि मेरे कल के बयान से कुछ गलतफहमी हो गई है. मैं विविध भाषाओं के सह-अस्तित्व को लेकर बात कर रहा था, लेकिन मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मुंबई और महाराष्ट्र की भाषा मराठी ही है और यहां रहने वाले सभी लोगों को मराठी भाषा सीखनी चाहिए.
भैयाजी जोशी ने कहा कि मुंबई महाराष्ट्र में है और यहां की मूल भाषा मराठी है. भारत एक विविध भाषाओं वाला देश है. भारत में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं. मुंबई में भी अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग रहते हैं. ऐसे में यह स्वाभाविक अपेक्षा है कि जो भी व्यक्ति मुंबई में आता है, उसे मराठी भाषा सीखनी चाहिए, मराठी समझनी चाहिए और मराठी पढ़नी चाहिए. यह भाषाई सह-अस्तित्व की खूबसूरत मिसाल है, जिसे मुंबई ने हमेशा निभाया है. उन्होंने कहा कि मेरी मातृभाषा भी मराठी है, लेकिन मैं सभी भाषाओं का समान रूप से सम्मान करता हूं, मेरे बयान को उसी भावना से देखा जाना चाहिए. मेरा मकसद किसी भाषा का अपमान करना नहीं था.
एकनाथ शिंदे ने दी विवाद पर प्रतिक्रिया
इसी बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा और मराठी मानुष हमारी प्राथमिकता है. हम मराठी भाषा को उसका उचित सम्मान दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता दिलाने की मांग कर चुके हैं. मैं इसके लिए प्रधानमंत्री जी का भी आभार व्यक्त करता हूं.
'भैयाजी ने मराठी भाषा का अपमान नहीं किया'
शिंदे ने कहा कि मराठी भाषा के सम्मान की परंपरा बालासाहेब ठाकरे ने शुरू की थी, और हम उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. भैयाजी जोशी ने भी अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने मराठी भाषा का अपमान नहीं किया है. उन्होंने साफ कहा है कि मराठी उनकी अपनी भाषा है और उन्होंने कभी मराठी भाषा का अपमान नहीं किया है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि जो लोग मराठी भाषा को लेकर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें यह बंद करना चाहिए. चुनाव प्रचार के दौरान कई बार देखा गया कि अलग-अलग भाषाओं में बैनर लगाए जाते हैं और मराठी भाषा को नजरअंदाज कर दिया जाता है. यह अब नहीं चलेगा. अगर कोई मराठी भाषा का अपमान करेगा, तो मराठी मानुष उसे कभी माफ नहीं करेगा.
क्या कहा था भैयाजी जोशी ने?
भैया जी जोशी ने मराठी के बारे में बात करते हुए कहा था कि मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है. इसलिए मुंबई आने या यहां रहने के लिए मराठी सीखने की जरूरत नहीं है. मुंबई के हर हिस्से की अपनी अलग भाषा है. घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है. इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं या फिर यहां आना चाहते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी पड़े.