राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकारिणी की तीन दिनों की बैठक मुंबई के पास भायंदर में केशव श्रुति में शुरू हुई. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद हैं.
संघ प्रचारक डॉ.मनमोहन वैद्य ने कहा कि अब सरकार को चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण कर काम शुरू किया जाए और राष्ट्र के गौरव को बहाल करना चाहिए. मनमोहन वैद्य ने कहा राम मंदिर का मामला हिंदू बनाम मुस्लिम या मंदिर बनाम मस्जिद के बारे में नहीं है. अदालत ने पहले ही कह दिया है कि नमाज के लिए मस्जिद अनिवार्य नहीं है. वे खुली जगह पर भी नमाज पढ़ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना कानूनी कार्य नहीं था. राम मंदिर पर अब और चर्चा करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब बाबर पर विजय प्राप्त किया था तो उनके पास बहुत सारी भूमि थी और कहीं भी मस्जिद बना सकता था. अदालत ने कहा है कि मुस्लिम प्रार्थनाओं के लिए मस्जिद महत्वपूर्ण नहीं है. इस्लामी विद्वानों भी कहते हैं कि जिस जगह को विजय प्राप्त करके मस्जिद निर्माण किया जाता है, वहां प्रार्थना करना सही नहीं है.
राहुल गांधी के द्वारा संघ पर की जाने वाली टिप्पणी पर वैध ने कहा कि आरएसएस के खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए गए हैं. कांग्रेस कई सालों से इस तरह का आरोप लगा रही है. वो जितना आरोप लगा रहे हैं आरएसएस उतना ही बढ़ रहा है.
संघ प्रचारक डा.मनमोहन वैद्य ने कहा कि संघ कार्यकारिणी की ये बैठक साल में दो बार होती है. इस बैठक में देश भर से 330 संघ के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि संघ ने देश भर में 1500 नई गोशाला की स्थापना की है.
संघ के तीन दिनों तक चलने वाले इस बैठक में कई मुद्दों पर मंथन किए जाने की संभावना है. माना जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, देश की सुरक्षा, सीमा क्षेत्र का विकास, नई शिक्षा नीति एवं स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण आदि मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.
इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी, सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी, डॉ. कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबले, वी.भागय्या, डॉ.मनमोहन वैद्य हिस्सा ले रहे हैं.
साल में दो बार होने वाली संघ की इस अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक को दीवाली बैठक के नाम से भी लोग जानते हैं. हर साल विजयादशमी के बाद और दीपावली से पहले ये बैठक होती है.
बता दें कि संघ मुख्यालय नागपुर मे विजयादशमी के मौके पर मोहन भागवत ने अपने भाषण में सबरीमाला मंदिर, राम मंदिर और अर्बन नक्सलवाद समेत कई अहम बिंदुओं को उठाया था. इसी के चलते माना जा रहा है कि बुधवार से शुरू हो रही संघ की बैठक में भी इन विषयों की चर्चा हो सकती है और इन मुद्दों पर संघ कोई रूप रेखा भी खींच सकती है.