एनडीए में बीजेपी की अहम सहयोगी पार्टी शिवसेना ने इस बात से साफ इनकार किया है कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में किसी तरह का तनाव है. पार्टी का कहना है कि महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी की गांठ मजबूत रहेगी और हरियाणा के सियासी 'भूकंप' का झटका यहां नहीं लगेगा.
शिवसेना-बीजेपी गठबंधन पर 'सामना' के संपादकीय में लिखा गया है कि हरियाणा, बिहार में हिंदुत्ववादी सोच की गांठ खुल गई है लेकिन महाराष्ट्र में यह गांठ मजबूत रहेगी. यह बात शिवसेना के साथ बीजेपी भी जानती है. गौरतलब है कि कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी से नाता तोड़ लिया है. बिश्नोई ने बीजेपी पर पीठ में खंजर घोंपने का आरोप लगाया है.
शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है, 'शिवसेना और बीजेपी के गठजोड़ में तनाव की अफवाह कहीं न कहीं से हर बार उड़ती रहती है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और उनके बेटे को लेकर अफवाह उड़ाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई लेकिन तुरंत पीएमओ ने दखल देकर इस अफवाह से इनकार कर दिया. इसलिए हम भी इस बात से साफ इनकार करते हैं कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में कहीं कोई तनाव नहीं है. अगली बार कोई अफवाह पर यकीन न करे.'
सामना के मुताबिक इस अफवाह का केंद्रबिंदु हरियाणा था लेकिन महाराष्ट्र हरियाणा नहीं है. हरियाणा और महाराष्ट्र की राजनीति में जमीन आसमान का फर्क है. बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए जोरदार तैयारी में लग गई है और इसका फायदा दोनों पार्टियों (बीजेपी-शिवसेना) को होगा.
अखबार में लिखा गया है, 'दूसरे राज्यों में बीजेपी की क्या नीति और मसले हैं, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. हमने ठान लिया है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी की हिंदुत्ववादी सरकार बनेगी. हिंदुत्व की पीठ में खंजर घोपने का पाप जो करेगा उसे जनता माफ नहीं करेगी.'