महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले शिवसेना के मुखपत्र 'सामना दोपहर' ने नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर 'मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं' का आरोप लगाया है. अखबार के संपादक प्रेम शुक्ला ने एक लंबा आलेख लिखा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि यदि शिवसेना ने बीजेपी स्टाइल में ही लोकसभा चुनावों से पहले दांव मारा होता तो मोदी के बाप दामोदरदास भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं दिला पाते.
प्रेम शुक्ला ने 'शर्मिंदा है बीती सदियां, देख इरादा नई सदी का!' शीर्षक के साथ लेख में बीजेपी पर बेईमानी और मौकापरस्ती का अरोप लगाया है. शुक्ला ने लिखा है, 'शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन क्यों टूटा? इस सवाल का सटीक जवाब बीजेपी के चोटी के किसी नेता के पास नहीं है. जिन गोपीनाथ मुंडे की दुहाई नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र आकर दे रहे हैं उनका वचन भंग करने का काम भी नमो टीम ने ही किया है.'
मोदी ने शिवसेना के खात्मे की योजना बनाई
'सामाना' ने अपने आलेख में आगे लिखा है, 'विधानसभा चुनावों में भी शिवसेना-बीजेपी दोनों के हिस्से समान सीटें होनी चाहिए थीं. अब केंद्र में मोदी सरकार थी. उनके अच्छे दिन आ गए थे. जो मोदी पीएम पद की उम्मीदवारी घोषित होने पर आडवाणी विरोध के चलते शिवसेना के समर्थन के संकेत के लिए पुष्पगुच्छ के लिए घंटे भर इंतजार कर रहे थे. वही मोदी 'मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं' मोड में आ गए. जिन शिवसेना प्रमुख की नकल के बूते नमो को सियासी उदय हुआ, उसी शिवसेना के खात्मे की वह योजना बनाने लगे. पहला संकेत मंत्रिमंडल गठन में दिया.'
अकेले दम पर नहीं मिला जनादेश
प्रेम शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने प्रहार को और तीखा करते हुए आगे लिखा, 'मोदी को अकेले बीजेपी के नाम पर जनादेश तो मिला नहीं था. बीजेपी को यदि शिवसेना ने बीजेपी स्टाइल में ही लोकसभा चुनावों के पहले दांव मारा होता तो मोदी के बाप दामोदरदास भी बीजेपी को 2014 में पूर्ण बहुमत नहीं दिला पाते.'
बीजेपी ने मीडिया में लीक की खबरें
'सामाना' में बीजेपी पर आरोपों की झड़ी यहीं नहीं रुकी. बीजेपी पर मीडिया में खबरें लीक करने का आरोप लगाया गया और शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को न्योता भेजने पर भी नाराजगी जाहिर की गई है. अखबार में आगे लिखा गया है कि नमो टीम संघ के अनुषांगिक संगठनों को सेवा दल और पार्टी नेताओं को नमो-नमो जपकर ही जीने के लिए मजबूर कर रहा है. नमो ने शिवसेना के साथ भी दबंगई दिखाने की कोशिश की.