महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच एक बार फिर विवाद होता नज़र आ रहा है. मुंबई मेट्रो परियोजना को लेकर आरे में मेट्रो शेड के बाद अब कांजुरमार्ग की जमीन और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. बुधवार को शिवसेना ने सामना में लिखा कि मुंबई मेट्रो परियोजना बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ेगी. साथ ही कहा कि अगर कांजुरमार्ग मेट्रो कार शेड परियोजना को रोका गया तो शिवसेना भी मुंबई में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए दी गई जमीन पर नजर रख रही है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा के फ्लोर पर कहा कि "किसी ने बुलेट ट्रेन के लिए नहीं कहा था. बुलेट ट्रेन किसके लिए है? तब मुंबई में बहुत मूल्यवान भूमि इस परियोजना के लिए आवंटित की गई थी." उन्होंने कहा कि मेट्रो कारशेड के मामले में बेवजह मुंबईकरों के हित के आड़े खार भूमि का नमक ना डालें.
दरअसल, मुंबई में मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत पहले आरे पर मेट्रो शेड बनना था. लेकिन विरोध के बाद उसे शिफ्ट कर दिया गया. बाद में उद्धव सरकार के आने के बाद उसे आरे से कांजुरमार्ग लाने का फैसला किया गया. लेकिन, इस बीच केंद्र सरकार का कहना है कि इस जमीन पर मालिकाना हक उनका है. फिलहाल मामला कोर्ट में है. ऐसे में अब सामना के जरिए शिवसेना ने केंद्र के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर निशाना साधा है.
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सामना में कहा गया है कि विपक्ष मुंबई के विकास में बाधा पैदा करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहा है. इससे राज्य के लोगों का नुकसान हो रहा है. अगर कांजुरमार्ग जमीन भारत सरकार की है, तो इसका उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए ही किया जा रहा है. आखिर इसमें उनका क्या नुकसान? बीजेपी शासित गुजरात में इस तरह की बाधाएं कभी नहीं बनती हैं.
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