पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी गवाह रहे बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. उन्हें भारत संघ के एएसजी राजा ठाकरे के वकील की सहमति पर जमानत मिली, जिसमें सीआरपीसी की धारा 306 (4) (बी) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी. वाजे फ़िलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि उन्हें एंटीलिया बम कांड और व्यवसायी मनसुख हिरन हत्या मामले में अभी तक जमानत नहीं मिली है.
क्या है मामला?
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए थे. बाद में ED ने इसकी जांच शुरू की. ED को जांच में मिला कि गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मंबई के ऑर्केस्ट्रा बार से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की. बाद में इस पैसे को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख ने दिल्ली की एक शेल कंपनी को कैश के रूप में ट्रांसफर किए.
सीबीआई ने जांच के आधार पर देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख ने अप्रैल 2021 में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.