scorecardresearch
 

सचिन वाजे की हैंडरिटेन चिट्ठी में क्या है? कौन हैं अनिल परब जिनका नाम देशमुख के बाद विवादों में आया

सचिन वाजे ने लिखा है कि मीटिंग के दौरान अनिल परब ने मुझसे कहा SBUT कंप्लेंट पर ध्यान दीजिए, जिसकी जांच प्राथमिक स्तर पर थी. साथ ही उन्होंने मुझसे कहा कि मैं SBUT के ट्रस्टी से इन्क्वायरी बंद करने के लिए बातचीत करूं और इसके लिए 50 करोड़ की रकम की डिमांड करूं.

Advertisement
X
सचिन वाजे की चिट्ठी से एक और सियासी भूचाल पैदा हो गया है. (फोटो-इंडिया टुडे)
सचिन वाजे की चिट्ठी से एक और सियासी भूचाल पैदा हो गया है. (फोटो-इंडिया टुडे)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • परमबीर के बाद सचिन की चिट्ठी से सियासी भूचाल
  • अनिल परब पर लगाया वसूली के दबाव का आरोप
  • एंटीलिया केस से चर्चा में सचिन वाजे

महाराष्ट्र की सियासत में लेटर बम का सिलसिला जारी है. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी से निकले '100 करोड़ की वसूली' विवाद के बाद राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी जा चुकी है. अब एक नई चिट्ठी सामने आई है. ये चिट्ठी है निलंबित पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की. इस चिट्ठी में उन्होंने एक और विस्फोटक खुलासा किया है. 

Advertisement

इस चिट्ठी में सचिन वाजे ने शिवसेना के मंत्री अनिल परब पर पैसों की उगाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. सचिन वाजे ने लिखा है कि जुलाई-अगस्त 2020 में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया था. इसी सप्ताह DCP पद पोस्टिंग को लेकर आंतरिक आदेश भी जारी किए गए थे.

वाजे ने लिखा है कि मीटिंग के दौरान अनिल परब ने मुझसे कहा SBUT कंप्लेंट पर ध्यान दीजिए, जिसकी जांच प्राथमिक स्तर पर थी. साथ ही उन्होंने मुझसे कहा कि मैं SBUT के ट्रस्टी से इन्क्वायरी बंद करने के लिए बातचीत करूं और इसके लिए 50 करोड़ की रकम की डिमांड करूं. 

सचिन वाजे की चिट्ठी का हिस्सा

सचिन वाजे ने अपने पत्र में लिखा है कि उसने तुरंत मंत्री के सामने कहा कि वो ऐसा कुछ भी कर पाने में असमर्थ है. सचिन वाजे ने कहा कि वह SBUT में से किसी को भी नहीं जानता है और उसका इस जांच से कोई लेना-देना नहीं है.

Advertisement

मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर रहे सचिन वजे ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि जनवरी 2020 में मंत्री अनिल परब साहेब ने दोबारा मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया और BMC में लिस्टेड Praudulant contractor के खिलाफ जांच की कमान संभालने को कहा. 

सचिन वाजे के अनुसार मंत्री अनिल परब ने इसी तरह की 50 लिस्टेड कंपनियों में से हर कंपनी से मुझे 2 करोड़ रुपये संग्रह करने को कहा. क्योंकि एक शिकायत पर इन कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही थी, जो शुरुआती दौर में थी. 

सचिन वाजे की चिट्ठी का हिस्सा

सचिन वाजे ने कहा कि उसने आखिरकार ये सब बातें मैंने तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह को बताई और ये भी कहा था कि आने वाले भविष्य में मुझे किसी विवाद में फंसा दिया जा सकता है. सचिन वाजे ने यह भी कहा कि उसने इसके बाद तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुझे निर्देश दिया कि मैं किसी भी अवैध वसूली में शामिल होने न होऊं. सचिन वाजे ने पत्र के आखिर में लिखा है कि जज साहब मैं यह बातें आपके सामने इसलिए ला रहा हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि मुझे न्याय मिल सके. 

कौन हैं अनिल परब

बता दें अनिल परब महाराष्ट्र में शिवसेना के कद्दावर नेता हैं. अनिल परब महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य हैं. वे महाराष्ट्र सरकार में परिवहन और संसदीय कार्यमंत्री हैं. अनिल परब तब सुर्खियों में आए थे जब 2017 में उन्होंने शिवसेना की ओर से BMC चुनाव की कमान संभाली थी. इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना अलग अलग थे. सचिन परब मातोश्री के नजदीक ही गांधीनगर में रहते हैं. 

Advertisement

अनिल परब कई सालों से शिवसेना में प्रचार प्रमुख का पद संभाल रहे हैं. 2017 में अनिल परब ने ही एमएनएस के 7 में से 6 कॉरपोरेटर को एमएनएस से शिवसेना में शामिल करवा लिया था. 

 

Advertisement
Advertisement