महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने ना केवल तहसीलदार से बदसलूकी की, बल्कि जब्त किया गया ट्रक भी छुड़ाकर भाग गए. इस मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही, क्योंकि जब तहसीलदार शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने उनकी सुनवाई के बजाय उनकी ही गाड़ी जब्त कर ली. मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने छह रेत माफियाओं को गिरफ्तार किया, जबकि चार अब भी फरार हैं.
6 फरवरी की रात करीब 10 बजे तहसीलदार रमेश मुंडलोड अपने घर जा रहे थे, तभी उन्होंने एक रेत से भरा ट्रक (हाइवा) देखा. उन्होंने अपनी गाड़ी ट्रक के सामने लगाकर ड्राइवर से पूछताछ की और ट्रक को तहसील कार्यालय ले जाने लगे. लेकिन इसी बीच रेत माफियाओं ने उन्हें धमकाया और ट्रक जबरदस्ती छुड़ाकर ले गए.
रेत माफियाओं की गुंडागर्दी
जब तहसीलदार मुंडलोड शहर के जिंसी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, तो वहां पहले से ही ट्रक मालिक और रेत माफिया मौजूद थे. उन्होंने तहसीलदार पर ही शराब के नशे में होने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने भी तहसीलदार की शिकायत लेने से इनकार कर दिया और उनकी गाड़ी को तलाशी के नाम पर जब्त कर लिया.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद महाराष्ट्र तहसीलदार संघ ने जिला कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग की. जांच में रेत माफियाओं की साजिश का खुलासा हुआ और पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि चार अभी भी फरार हैं.
पुलिस ने दर्ज नहीं की तहसीलदार की शिकायत
जिन पुलिस अधिकारियों ने तहसीलदार की शिकायत दर्ज नहीं की और उनकी गाड़ी जब्त की, उनमें शामिल एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया. पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
इस घटना पर तहसीलदार रमेश मुंडलोड ने कहा कि उन्होंने सरकारी काम करते हुए रेत माफियाओं को पकड़ा, लेकिन उल्टा मेरे ही खिलाफ माहौल बनाया गया. अब सही कार्रवाई हुई है और उम्मीद है कि प्रशासन सख्ती बरतेगा.
(रिपोर्ट- इसरुद्दीन चिश्ती)