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चले थे महाराष्ट्र के किंगमेकर बनने, 'सुपर विलेन' बन गए संजय राउत

महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को ऐसा महा-उलटफेर हुआ, जिस पर किसी को यकीन नहीं हुआ. लोग सुबह जब उठे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके थे. राज्य की सियासत का पूरा लेखा-जोखा ही बदल गया. उद्धव ठाकरे, जिनके नाम पर शुक्रवार को एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की संयुक्त बैठक में सहमति बनी थी, उनका सीएम बनने का सपना टूट गया.

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राज्यसभा सांसद संजय राउत (Photo-IANS)
राज्यसभा सांसद संजय राउत (Photo-IANS)

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  • देवेंद्र फडणवीस फिर बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
  • संजय राउत ने बोला था बीजेपी पर करारा हमला

महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को ऐसा 'महा' उलटफेर हुआ, जिस पर किसी को यकीन नहीं हुआ. लोग सुबह जब उठे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके थे. राज्य की सियासत का पूरा लेखा-जोखा ही बदल गया. उद्धव ठाकरे, जिनके नाम पर शुक्रवार को एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की संयुक्त बैठक में सहमति बनी थी, उनका सीएम बनने का सपना टूट गया.

लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच शिवसेना की 'मुखर आवाज' संजय राउत अब 'सुपर विलेन'  नजर आ रहे हैं. शिवसेना की ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की मांग जब बीजेपी ने नहीं मानी, उसके बाद दोनों की राहें जुदा हो गईं. शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के बयान इसके बाद और तल्ख हो गए और लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बीजेपी पर अपरोक्ष रूप से तंज कसने लगे. उनके ट्विटर अकाउंट से अलग-अलग तरह से ट्वीट आने लगे. कभी शायराना अंदाज में तो कभी किसी और रूप में.

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माना जा रहा है कि शिवसेना अपना राजनीतिक कद बढ़ाने के लिए बीजेपी से नाता तोड़ा ताकि किसी शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया जा सके. जब बीजेपी शिवसेना को ढाई साल के लिए सीएम पद देने को राजी नहीं हुई, तब पार्टी कांग्रेस, एनसीपी के साथ विकल्प तलाशने में जुट गई. इस पूरी रणनीति में संजय राउत भी शामिल रहे.

उद्धव या आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की कोशिशों के दौरान संजय राउत खुद को 'किंगमेकर' की भूमिका में मान रहे थे. लेकिन उन्हें शायद ही भनक रही हो कि बीजेपी जमीन यूं खिसका देगी. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है. संजय राउत को अब चुप हो जाना चाहिए. उन्होंने शिवसेना को बर्बाद कर दिया है. वहीं बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने कहा कि हमारे पास 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है. जुबानी डायरिया संजय राउत के लिए सबसे सही शब्द है. शिवसेना के कई विधायक उनसे तंग आ चुके हैं और वे भी हमारे साथ आने की सोच रहे हैं.

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अगर पिछले कुछ दिनों की संजय राउत की ट्विटर अकाउंट की टाइमलाइन देखें तो कई ऐसे ट्वीट मिलेंगे, जिसमें वह अपरोक्ष रूप से बीजेपी पर निशाना साधते नजर आए. नतीजे आने के 4 दिन बाद ही संजय राउत बीजेपी पर मुखर नजर आए. उन्होंने कहा था शिवसेना को ढाई साल के लिए सीएम पद क्यों न मिले. इसके बाद उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं, जिसके पिता जेल में हों. यहां से संकेत मिल गया था कि अब शिवसेना बीजेपी पर और मुखर होने वाली है. पिछले हफ्ते ही उन्होंने एक ट्वीट में बशीर बद्र का शेर लिखा था कि यारों नए मौसम ने ये एहसान किया है. याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते.

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कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की हर बैठक के बाद राउत का आत्मविश्वास बढ़ता गया और तंज तल्ख. कहा जा रहा है कि उनका अति आत्मविश्वास ही शायद उन पर भारी पड़ गया और वह बीजेपी ही खामोशी और अंदरूनी राजनीति को भांप नहीं पाए. इतना ही नहीं शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही उन्होंने ट्वीट में लिखा था- जिस जिस पर ये जग हंसा है, उसी ने इतिहास रचा है. लेकिन इस ट्वीट के कुछ ही देर बाद राजभवन में फडणवीस और पवार शपथ लेते नजर आए और उद्धव ठाकरे का सीएम बनने का सपना धरा का धरा रह गया और राउत किंगमेकर के बजाय सुपर विलेन बन गए.  

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