महाराष्ट्र में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सरकार गठन में कुर्सी को लेकर खींचतान जारी है. इसी बीच शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों, हमारे पास भी विकल्प है.
संजय राउत ने कहा, 'उद्धव ठाकरे जी ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते हैं. शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं.'
S Raut on being asked 'why it's taking time to form govt despite pre-poll alliance with BJP': There is no Dushyant here whose father is in jail. Here it's us who do politics of 'dharma & satya',Sharad ji who created an environment against BJP &Congress who will never go with BJP. https://t.co/aHADYgz6wH
— ANI (@ANI) October 29, 2019
संजय राउत से जब पूछा गया कि बीजेपी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के बावजूद सरकार बनाने में समय क्यों लग रहा है, तो उन्होंने कहा कि यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिनके पिता जेल में हैं. संजय राउत ने कहा, 'यहां हम हैं जो 'धर्म और सत्य' की राजनीति करते हैं, शरद पवार जिन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया है जो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.'
अन्य विकल्प मौजूद
संजय राउत ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति विभिन्न विकल्पों को चुन सकता है. हम गठबंधन की नैतिकता का पालन कर रहे हैं. यदि कोई इसका पालन नहीं करना चाहता है तो राज्य की जनता उन्हें जवाब देगी. हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन हम उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. यह पाप है. शिवसेना ने हमेशा सच्ची राजनीति की है.
शिवसेना सांसद ने कहा कि हम सत्ता के भूखे नहीं हैं. हम उन पार्टियों के साथ नहीं जा सकते हैं जिन्होंने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा. यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि कोई हमें सत्ता से दूर रखना चाहता है. अगर आपका गठबंधन सहयोगी आपको सत्ता से दूर रखने के लिए षड्यंत्र रचता है तो यह सही नहीं है. हम आज की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. संजय राउत ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले समझ के अनुसार चर्चा होनी चाहिए.
बीजेपी-शिवसेना में क्या चल रहा है
बता दें कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान के साथ दबाव की राजनीति जारी है. चुनाव नतीजे के बाद से ही शिवसेना ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर सरकार बनाने पर अड़ी है. जबकि बीजेपी विधायकों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी होने का हवाला देते हुए इस फॉर्मूले पर सहमत नहीं है. सोमवार को बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात की थी.