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महाराष्ट्र: सियासी संग्राम के बीच Sanjay Raut को ED का समन, 2 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया

Sanjay Raut Summons By ED: संजय राउत को इससे पहले 27 जून को समन जारी कर 28 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन वे जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. उन्होंने 7 जुलाई तक का समय मांगा था, लेकिन उनकी मांग खारिज कर दी गई.

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संजय राउत (File Photo)
संजय राउत (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संजय राउत ने मांगा था 7 जुलाई तक का समय
  • ED ने पूछताछ का समय बढ़ाने से इनकार किया

Sanjay Raut Summons By ED: महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच अब संजय राउत मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में घिरते नजर आ रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर संजय राउत को समन जारी किया है. इस बार उन्हें 2 जुलाई को पेश होने के लिए कहा गया है.

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संजय राउत ने जांच एजेंसी से 7 जुलाई तक का समय मांगा था. लेकिन ED ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया. बता दें कि अगर वे तीसरे समन के बाद भी ED के सामने पेश नहीं होते हैं तो जांच में सहयोग न करने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. हालांकि, उनके पास कानूनी विक्लप भी मौजूद हैं. राउत चाहें तो इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. 

इससे पहले राउत को 27 जून को समन जारी कर 28 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन वे जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. ईडी के समन के बाद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा था कि मैं अब समझ गया हूं कि ईडी ने मुझे समन भेजा है. हम सब बाला साहेब के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. यह साजिश चल रही है.

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ईडी ने संजय राउत को उनके करीबी सहयोगी प्रवीण राउत से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया है. इससे पहले जांच एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉनड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत राउत की पत्नी और प्रवीण राउत की 11 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की थी.

बता दें कि ED मुंबई के गोरेगांव से जुड़े पात्रा चॉल घोटाला में एक रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच कर रही है. दरअसल, जिस प्रवीण राउत को संजय राउत के करीबी सहयोगी बताया जा रहा है. वे गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं. यह फर्म गोरेगांव में पात्रा चॉल के रीडेवपलमेंट प्रोजेक्ट में शामिल है. 

यह मामला महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) की 47 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसमें 672 किरायेदार रहते थे. इन किरायेदारों के पुनर्वास के लिए पात्रा चॉल प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट के लिए प्रवीण राउत की फर्म को का दिया गया था. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने किरायेदारों और म्हाडा के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता किया था. 

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