सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया. ठाकरे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से मामले में शीघ्र सुनवाई की मांग की. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें 7 मार्च को सुनवाई का भरोसा दिया.
पीठ ने कहा, 'कई मामले, जिन्हें 1 मार्च को सूचीबद्ध किया जाना था, उन्हें सूची में शामिल नहीं किया जा सका क्योंकि पीठ को जल्दी उठना पड़ा. इसमें उद्धव ठाकरे गुट की याचिका भी शामिल हैं. हम इसे सात मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे'. बता दें कि महाराष्ट्र के स्पीकर ने अपने फैसले में शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य करार देने से मना कर दिया था. उन्होंने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना था. स्पीकर के इस फैसले को उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
ठाकरे गुट ने क्या दावा किया है?
ठाकरे गुट का कहना है कि महज विधानमंडल में बहुमत के आधार पर शिंदे ग्रुप को ही असली शिवसेना मानने का स्पीकर का फैसला गलत है. सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में, स्पीकर के आदेश को चुनौती देने वाली सुनील प्रभु (ठाकरे गुट) की याचिका पर शिंदे और उनके समूह के 38 विधायकों को नोटिस जारी किया था. संविधान की दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के तहत एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर करने के लगभग दो साल बाद, स्पीकर का फैसला गत 10 जनवरी को आया था.
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने स्पीकर से उनके समक्ष लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा था. विधायकों के विद्रोह करने के बाद, 23 जून, 2022 को उद्धव ठाकरे द्वारा नियुक्त शिवसेना पार्टी सचेतक सुनील प्रभु द्वारा उनके खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गई थीं. पिछले साल मई में, पांच-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने कहा था कि वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को अयोग्य नहीं ठहरा सकती और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि उद्धव ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करने के बजाय इस्तीफा देना चुना था.
बता दें कि 29 जून, 2022 को, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा में 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 30 जून को सदन में बहुमत साबित करने के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत के आदेश के बाद, उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की और बाद में एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. तबसे महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की महायुती सरकार है. अब इसमें अजित पवार की एनसीपी भी शामिल हो गई है.