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गोवा में सेकेंड होम्स का बढ़ता दायरा

गोवा में किफायती आवासों की संख्या तेजी से कम हो रही है. राज्य ने स्वयं को समृद्धों के लिए लग्जरी स्थल के रूप में पेश किया है. निवेश केंद्रित सेकेंड आवासों (जहां लोग छुट्टियां मनाने के लिए अल्प समय हेतु जाते हैं) के लिहाज से गोवा एक आदर्श बाजार बन गया है.

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गोवा में किफायती आवासों की संख्या तेजी से कम हो रही है. राज्य ने स्वयं को समृद्धों के लिए लग्जरी स्थल के रूप में पेश किया है. निवेश केंद्रित सेकेंड आवासों (जहां लोग छुट्टियां मनाने के लिए अल्प समय हेतु जाते हैं) के लिहाज से गोवा एक आदर्श बाजार बन गया है.

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राज्य के टॉप वास्तुकारों का कहना है कि भविष्य के लिए या निवेश के लिहाज से निर्मित होने वाले आवासों की मौजूदा समय में मांग बढ़ गई है. यहां व्यापक आवास नीति के जरिए सेकेंड आवासों के रुझान में सुधार की जरूरत है. गोवा की राजधानी पणजी में एक अंतरराष्ट्रीय वास्तुकला सम्मेलन से अलग इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स (गोवा) के पूर्व अध्यक्ष टूलियो डिसूजा ने कहा कि जरूरत आधारित आवासों में 18 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई.

उन्होंने कहा, 'सामान्य स्तर पर राज्य में जरूरत आधारित आवासों की जरूरत में लगभग 18 प्रतिशत की कमी रही. गोवा में मौजूद आवासीय भंडार या तो देश भर के लोगों के सेकेंड होम के रूप में हैं या फिर स्पैक्यूलेटिव आवास हैं.'

पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध गोवा, शहरी योजनाकारों और आवासीय विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. पिछले कुछ सालों में गोवा में लग्जरी आवासीय परियोजनाएं और मेगा आवासीय कॉम्पलेक्स उभरकर सामने आए हैं.

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2011 के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, गोवा में पंजीकृत 500,000 घरों में से तिहाई खाली पड़े हैं और जहां तक जरूरत आधारित आवास का सवाल है, यह रुझान परेशानी भरा है. 2011 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने सेकेंड होम्स पर भारी कर प्रस्तावित किया था.

वास्तुकार और भूमि उपयोग क्षेत्र में राज्य स्तर की समिति के सदस्य राहुल देशपांडे ने कहा, 'गोवावासियों के लिए गोवा में घर खरीदना मुश्किल भरा हो रहा है. क्योंकि गोवा से बाहर के अमीर लोग यहां सेकेंड होम्स (अवकाश घर) खरीद रहे हैं. स्थानीय आबादी के लिए यहां कीमतें आसमान छू रही हैं. बाहर के कुछ लोग तो यहां सिर्फ नए साल का जश्न मनाने के लिए घर खरीदते हैं. हमें उम्मीद है कि इस प्रस्तावित कर से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.'

इनपुट: IANS

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