Serum Institute of India की एक निर्माणाधीन इमारत में गुरुवार को जब आग लगी तो वहां ठेके पर काम कर रहे कुछ मजदूर समय रहते एक मंजिल से दूसरी मंजिल पर कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे. जानें मजदूरों की आपबीती:
चौथी-पांचवी मंजिल सबसे ज्यादा प्रभावित
पांच-मंजिला निर्माणाधीन इमारत में ठेके पर मजदूरी करने वाले अविनाश कुमार ने कहा कि आग का धुआं दिखते ही वह अपने कुछ और साथियों के साथ तुरंत बिल्डिंग से बाहर आ गए. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही हमने बिल्डिंग में कहीं से धुआं उठते देखा, हम तुरंत उस फ्लोर से निकल गए जहां हम काम कर रहे थे.’’
हालांकि घटना के दौरान सभी मजदूर अविनाश और उनके साथियों की तरह सौभाग्यशाली नहीं रहे. इस घटना में इमारत में काम कर रहे पांच मजदूरों की मौत हो गई. दमकल कर्मियों ने इमारत के पांचवें तल से उनके शव बरामद किए. कुमार ने कहा, ‘‘हमारे दो साथी बिपिन कुमार और रमाशंकर समय से इमारत से बाहर नहीं आ पाए और अंदर ही एक माले पर फंस गए.’’ आग की घटना से इमारत की चौथी और पांचवीं मंजिल प्रभावित हुई.
सवा दो बजे लगी आग
इमारत में काम कर रहे एक और मजदूर सुधांशु कुमार ने कहा कि आग लगने की घटना दोपहर में करीब सवा दो बजे की है. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही आग लगी, हम सुरक्षित स्थान की ओर दौड़े. हालांकि हमारे कुछ साथी आग के बीच फंस गए.’’
200 से 300 मजदूर थे मौजूद
सुधांशु कुमार ने कहा, ‘‘ उस समय इमारत में 200 से 300 के करीब मजदूर मौजूद थे. इमारत में इंस्यूलेशल, स्लाइडिंग और अन्य काम हो रहे थे.’’ आग कैसे लगी इसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन जैसे ही आग लगने को लेकर हल्ला मचा उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए दौड़ लगा दी.
कूदकर बचाई जान
सुधांशु कुमार ने कहा कि कुछ मजदूरों ने एक मंजिल से दूसरी मंजिल पर कूदकर अपनी जान बचाई. हालांकि उनके दो साथी समय से बाहर नहीं आ पाए.
ये हैं पांच मरने वाले मजदूर
इसी बीच हदपसर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक चेतन टुपे ने मरने वाले पांच मजदूरों के नाम की जानकारी दी. इसमें रमाशंकर हरिजन, बिपिन सरोज, सुशील कुमार पांडे, महेंद्र इंगले और प्रतीक पाश्ते शामिल हैं. संपर्क करने पर जोन-5 की पुलिस उपायुक्त नम्रता पाटिल ने कहा कि मृतकों और पीड़ितों की पहचान जारी है. हमने आग की घटना का मामला दर्ज किया है और जांच चल रही है.