महिलाओं ने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर में इस गणतंत्र दिवस पर मंदिर के चबूतरे पर पूजा करने का ऐलान किया है. शनि मंदिर में महिलाओं का चबूतरे पर जाना परंपरा के खिलाफ माना जाता है. लेकिन 400 महिलाओं ने एकजुट होकर यह परंपरा तोड़ने की ठान ली है. महिलाओं ने कहा है कि उन्होंने हेलीकॉप्टर से मंदिर जाने की इजाजत मांगी है. क्योंकि बैरिकेड तो जमीन पर होंगे. हम आसमान से आएंगे.
टूटी थी 400 साल पुरानी परंपरा
किसी भी हिंसक टकराव को रोकने के लिए अहमदनगर जिले में पुलिस ने ऐहतियातन भीड़ जमा न होने देने के निर्देश दिए हैं. मुंबई से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर शनि शिंगणापुर मंदिर में महिला श्रद्धालु के दर्शन के बाद से विवाद शुरू है. एक युवती ने 400 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए शनि की मूर्ति पर तेल चढ़ा दिया था. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने महिला को रोकने के लिए महिला पुलिस को तैयार किया था.
ग्राम समिति ने प्रस्ताव पास किया
मंदिर में पूजा करने के महिलाओं के ऐलान के बाद शनि शिंगनापुर ग्राम समिति की बैठक हुई. बैठक में महिलाओं की इस कोशिश को पुलिस द्वारा रोके जाने का प्रस्ताव पास किया गया.
क्या कहता है मंदिर ट्रस्ट
इस पूरे विवाद पर मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है कि वे महिलाओं का सम्मान करते हैं. उस महिला और उसकी भावना का भी सम्मान करते हैं जिसने वहां जाकर पूजा की. लेकिन, पुरानी परंपरा के अनुसार वहां महिलाएं जाकर पूजा नहीं कर सकती और हम इसे बदल नहीं सकते.
कई जिलों से आ रही हैं महिलाएं
इसके लिए महाराष्ट्र के सभी जिलों से महिलाएं आ रही हैं. लातूर, नासिक, जालना, सातारा, सांगली जिले से महिलाएं आने वाली हैं. पहली बार शानि शिंगणापुर में दो महिलाओं को ट्रस्टी और एक महिला को अध्यक्ष बनाया गया है. ये भूमाता रन रागिनी ब्रिगेड की जीत है.