त्रिपुरा की घटना को लेकर महाराष्ट्र के कुछ जिलों में बवाल हो गया था. त्रिपुरा की घटना को लेकर महाराष्ट्र में हिंसा पर अब सियासत तेज होती नजर आ रही है. इसे लेकर नवाब मलिक के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने भी बयान दिया है. शरद पवार ने कहा है कि कुछ संगठन दूसरे राज्यों की घटनाओं को लेकर यहां रिएक्ट कर रहे हैं.
एनसीपी सुप्रीमो ने कहा है कि लोगों को सोचना चाहिए कि ऐसी प्रवृत्ति को कितना बढ़ावा देना है. कहीं शांति है तो उसे बिगाड़ने की कोशिश होती है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि दूसरी जगह कुछ हुआ तो अब जैसे अमरावती मे बंद का आह्वान किया गया. वो शांति से हुआ लेकिन अब सुनने को मिल रहा है कि एक राजनीतिक पार्टी की ओर से जिला बंद का आह्वान किया जा रहा है. ये ठीक नहीं है.
किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बगैर शरद पवार ने कहा कि वे अपना फ्रस्ट्रेशन निकाल रहे हैं. जो पार्टी सरकार चला चुकी है उसे ऐसे वक्त बंद का आह्वान नहीं करना चाहिए जिससे शांति व्यवस्था में खलल पड़े. लोकसभा चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि ये लोकसभा चुनाव के लिए नहीं है.
शरद पवार ने कहा कि अभी कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. खासकर उत्तर प्रदेश में, जो भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेंगे. उसे सामने देखकर ऐसी घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने यूपी के लखीमपुर की घटना का भी जिक्र किया. इससे पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने अमरावती की हिंसा को लेकर बीजेपी का नाम लेते हुए आरोप लगाया था कि दंगों की बड़ी साजिश थी.