महाराष्ट्र में पुणे महानगरपालिका चुनाव प्रचार के दौरान एनसीपी और कांग्रेस पार्टी एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते नहीं दिखाई दे रहे हैं. इस बार दोनों पार्टियों के निशाने पर बीजेपी-शिवसेना और उनके नेता हैं.
पुणे के यरवदा इलाके में ऐसा ही कुछ दिखा जब चुनाव प्रचार के दौरान एनसीपी नेता शरद पवार ने बीजेपी-शिवसेना के बीच चल रहे झगड़े को खूब भुनाया. पवार ने मुख्य मंत्री देवेंद्र फड़नवीस के फैसलों की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पवार ने कहा कि बीजेपी में शामिल किए गए लोगों का बायोडाटा देखकर वो हैरान हैं.
शरद पवार ने चुनावी सभा में कहा कि बीजेपी में सबसे ज्यादा गुंडे शामिल हो रहे हैं जिनका स्वागत खुद मुख्यमंत्री कर रहे हैं. बीजेपी में शामिल ज्यादातर लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. सीएम फड़नवीस पर राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है लेकिन वो और गृहमंत्री इन लोगों का स्वागत कर रहे हैं.
एनसीपी नेता पवार ने कहा कि हमारी पार्टी में एमबीए, बीकॉम और कई पढ़े-लिखे उम्मीदवार हैं जबकि बीजेपी के उम्मीदवारों पर हत्या, बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. ऐसे लोगों को पावन करने का काम मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने किया है.
शरद पवार अपने भाषण में ये कहने से नहीं चुके कि शिवसेना के नेता भी बोल रहे हैं कि बीजेपी अपराधियों की पार्टी है और दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पुणे में आकर बोलते है कि शिवसेना फिरौती मांगने वालों की पार्टी है. पवार ने कहा के वैसे देखा जाए तो दोनों पार्टियों ने महाराष्ट्र का विकास करने की शपथ ली है लेकिन पिछले ढाई साल में ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
शरद पवार ने कहा कि जो दल राज्य की सत्ता में साथ-साथ है वो ही आज एक-दूसरे पर हमला कर रहे है और ये बहुत दुख की बात है. उन्होंने कहा के पुणे महानगरपालिका में एनसीपी-कांग्रेस के प्रत्याशियों को ही चुनना ताकि जल्दी और सही दिशा में शहर का विकास हो सके .
कांग्रेस के साथ गठबंधन
आपको बता दें कि पुणे में 100 सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी ने गठबंधन किया और बची हुई 62 सीटों पर दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. लेकिन दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार नहीं कर रहीं हैं. 1999 में अस्तित्व में आने के बाद से हमेशा एनसीपी ने पुणे महानगरपालिका का चुनाव अकेले ही लड़ा है लेकिन इस बार एनसीपी, कांग्रेस के साथ मिलकर पुणे नगरनिगम में सत्ता हासिल करना चाहती है.