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सुप्रिया सुले का कॉल और शरद पवार से अजित गुट की मीटिंग, फिर मान-मनुहार... संडे की सियासी हलचल की पूरी कहानी

महाराष्ट्र में एनसीपी में फूट के बाद पहली बार बागी विधायकों और नेताओं ने शरद पवार से मुलाकात की है. बगावत के 14 दिन बाद पार्टी के बड़े नेताओं ने शरद पवार से आशीर्वाद लिया और एकजुट करने के लिए मार्गदर्शन मांगा है. 2 जुलाई को अजित के नेतृत्व में पार्टी के दिग्गज नेताओं ने बगावत कर दी थी और एनडीए में शामिल हो गए थे. अजित समेत 9 विधायक सरकार में शामिल हो गए थे.

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मुंबई में शरद पवार ने बैठक बुलाई है. (फाइल फोटो)
मुंबई में शरद पवार ने बैठक बुलाई है. (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में एनसीपी में फूट के बाद पहली बार अजित पवार गुट के विधायक और मंत्री रविवार को शरद पवार से मिलने पहुंचे. बागी गुट ने शरद पवार से आशीर्वाद मांगा और पैर पकड़कर मार्गदर्शन देने का आग्रह किया है. शरद पवार से मुलाकात के बाद पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने बातचीत के बारे में जानकारी दी. बगावत के 14 दिन बाद बागी गुट के मिलने पहुंचने से राज्य में सियासी चर्चाएं तेज हो गई थीं.

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शरद पवार से मुलाकात के बाद प्रफुल्ल पटेल ने कहा, आज हम सब लोग शरद पवार का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आए थे. वाईबी सेंटर में शरद पवार साहब के पैर पकड़कर आशीर्वाद लिया है. हमें यहां उनके उपस्थित होने के बारे में जानकारी मिली थी. हम लोग अजित के घर बैठे थे. ऐसे में बिना सूचित किए हम सब लोग वाईबी सेंटर पहुंच गए.

'पवार साहब से एकजुट करने के लिए मार्गदर्शन मांगा'

प्रफुल्ल ने कहा, हम सबने शरद पवार से आग्रह किया और बताया कि आपके प्रति हम सबके मन में सम्मान है. एनसीपी का एकजुट करने के लिए उनसे मार्गदर्शन मांगा. हम सबने उनसे विनती की है. शरद पवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हमारी सारी बातें उन्होंने सुन ली हैं. हमारे सारे मंत्री अजित पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.

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'सुप्रिया सुले ने कॉल कर जयंत को बुलाया'

इससे पहले शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने बताया था कि मुझे सुप्रिया सुले (शरद पवार की बेटी) का कॉल आया है. उन्होंने बताया था कि सुप्रिया ने तत्काल वाईबी चव्हाण प्रतिष्ठान पहुंचने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, सुप्रिया ने क्यों बुलाया है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है. अजीत पवार और बाकी विधायक क्यों आए हैं. इस बैठक में बागी नेता प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और अन्य नेता भी पहुंचे हैं.

बता दें कि 2 जुलाई को महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक नया मोड़ आया था. अजित के नेतृत्व में एनसीपी के दिग्गज नेताओं ने पार्टी से बगावत कर दी थी और एनडीए में शामिल हो गए थे. अजित समेत 9 विधायक सरकार में शामिल हो गए थे. अजित डिप्टी सीएम बने थे.

दो दिन पहले चाची से मिलने घर गए थे अजित

अजित पवार दो दिन पहले ही शरद पवार के घर पहुंचे थे. वहां उनकी मुलाकात चाचा शरद पवार और छोटी बहन सुप्रिया सुले से मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई थीं. हालांकि बाद में अजित पवार ने मुलाकात की वजह बताई थी. अजित का कहना था कि वे अपनी चाची (प्रतिभा पवार) से मिलने और उनका स्वास्थ्य जानने के लिए गए थे. अजित को अपनी चाची प्रतिभा का करीबी माना जाता है.

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शरद पवार को बताया था प्रेरणास्रोत

अजित का कहना था कि उन्होंने कहा- यह हमारी परंपरा है कि हम परिवार को महत्व देते हैं, यह मेरे माता-पिता ने सिखाया है. मुझे अपने परिवार से मिलने का अधिकार है. मेरी चाची अस्पताल में थीं, इसलिए मैं उनसे मिलने गया. अंतरात्मा की आवाज ने मुझसे कहा तो मैं मिलने गया. चाचा शरद पवार और सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं. पवार साहब ने मुझे शिक्षा विभाग के संबंध में एक लेटर दिया है. ये पत्र 21-22 का है. शरद पवार हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं और आदरणीय भी हैं. मेरे कक्ष में भी उनकी तस्वीर है. उनकी फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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'सर्जरी के बाद डिस्चार्ज होकर घर आई थीं चाची'

बगावत के बाद पहली बार चाचा-भतीजे के बीच मुलाकात हुई थी. जिसके बाद सरगर्मियां तेज हो गई थीं. हालांकि, बाद में मुलाकात की वजह साफ हो गई थी. दरअसल, शरद पवार की पत्नी प्रतिभा को शुक्रवार को सर्जरी के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. अजित उनसे मुलाकात करने के लिए घर पहुंचे थे. इससे पहले अजित खेमे के मंत्री छगन भुजबल ने प्रतिभा पवार के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की थी.

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2022 में एकनाथ शिंदे बने सीएम

बताते चलें कि जून 2022 में महाविकास अघाड़ी सरकार को तब बड़ा झटका लगा था, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी. पार्टी में फूट के बाद उद्धव को इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे सीएम बनाए गए थे. जबकि देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बन गए थे.

 

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