scorecardresearch
 

शरद पवार ने पीएम मोदी की तारीफ की, कहा- पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी ऐसी शैली

पवार ने कहा कि पीएम इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी सरकार की नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और उनके सहयोगी एक साथ कैसे आ सकते हैं. मोदी के पास अपने सहयोगियों को साथ ले जाने का एक अलग तरीका है और वह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी.

Advertisement
X
शरद पवार. -फाइल फोटो.
शरद पवार. -फाइल फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2019 में अजीत पवार के भाजपा के साथ जाने पर भी बोले
  • राकांपा पार्टी बनाने के वजहों के बारे में भी बताया

पूर्व की यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे 81 साल के एनसीपी चीफ शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. बुधवार को एक कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है और यही उनका मजबूत पक्ष है. पवार ने इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर अपनी राय रखी. 

Advertisement

शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज की शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक बार जब वह कोई कार्य करते हैं, तो वह इसे पूरा करना सुनिश्चित करते हैं. पवार ने कहा कि मोदी बहुत प्रयास करते हैं और काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देते हैं. उन्होंने कहा कि मोदी का स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि जब तक वह (कार्य) अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता, तब तक वह नहीं रुकेगा. 

पवार ने कहा कि पीएम इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी सरकार की नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और उनके सहयोगी एक साथ कैसे आ सकते हैं. मोदी के पास अपने सहयोगियों को साथ ले जाने का एक अलग तरीका है और वह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी. 

Advertisement

पवार ने कहा कि मेरी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय थी कि तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे अलावा यूपीए सरकार में कोई अन्य मंत्री नहीं था जो मोदी से बातचीत कर सके क्योंकि वह मनमोहन सिंह सरकार पर लगातार हमला करते थे.

पवार ने कहा कि जब मोदी गुजरात के सीएम थे, मैं केंद्र में था. जब पीएम सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे, मोदी भाजपा शासित राज्यों के सीएम के एक समूह का नेतृत्व करते थे और केंद्र पर हमला करते थे. उन्होंने कहा कि तो ऐसी स्थिति में मोदी को कैसे जवाब दिया जाए, इस पर रणनीति बनाई जाती थी. 

राज्यसभा सांसद ने कहा कि यूपीए की आंतरिक बैठकों में वह उपस्थित सभी लोगों से कहते थे कि भले ही उनके और मोदी और उनकी पार्टी भाजपा के बीच मतभेद हों, किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा कि मैं बैठकों में कहा करता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के सीएम हैं और लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है. अगर वह यहां मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों का समाधान हो और हित उनके राज्य के लोग प्रभावित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने उनकी राय का समर्थन किया.

Advertisement

पवार ने कहा कि मैं अकेला केंद्रीय मंत्री था जो गुजरात जाता था और राज्य के मुद्दों को देखता था. पवार ने कहा कि मेरी और सिंह की राय थी कि हमें (तत्कालीन सीएम मोदी के खिलाफ) प्रतिशोध की राजनीति नहीं रखनी चाहिए. हमारी राय थी कि हमें स्थापित ढांचे (प्रशासन के) से बाहर नहीं जाना चाहिए और हमने ऐसा कभी नहीं किया." हालांकि, राकांपा नेता ने कहा कि यूपीए गठबंधन के कुछ सदस्यों ने गुजरात सरकार में कुछ लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था.

.... तो 2019 वाली सरकार सुनिश्चित होती

शरद पवार ने कहा कि अगर उन्होंने 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद अजित पवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के लिए भेजा होता, तो वह सुनिश्चित करते कि सरकार सत्ता में बनी रहे. 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद संभावित राजनीतिक परिदृश्य के बारे में पूछा गया कि क्या वे विपक्ष का नेतृत्व करेंगे. पवार ने कहा कि वे नेतृत्व करने के बजाए उस व्यक्ति का समर्थन और मार्गदर्शन करना चाहते हैं जो सरकार का नेतृत्व करेगा. 

महाराष्ट्र में कुछ मंत्रियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि मैंने इस मुद्दे पर न कभी पीएम से बात की और न करूंगा.

Advertisement

उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस से अलग होने के बाद भी मैंने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और यशवंतराव चव्हाण की विचारधाराओं को कभी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि मुझे कभी भी इस बात का पछतावा नहीं है कि मैंने 1999 तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाने के लिए इंतजार किया. शरद पवार ने कहा कि मैं 1958 में पुणे आया था और मेरे जैसे कई युवा गांधी, नेहरू और चव्हाण की विचारधाराओं से प्रेरित थे. लेकिन मैं इन सभी महान लोगों के विचारों के तह तक गया और उसे अपनाया. 

अलग पार्टी राकांपा बनाने के सवाल पर पवार ने कहा कि चूंकि पार्टी ने मुझे पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया था और कांग्रेस मेरी विचारधारा का आधार थी, इसलिए कभी कांग्रेस से दूर जाने का सोचा ही नहीं.  "कांग्रेस उस विचारधारा का मुख्य आधार थी और इसीलिए कभी इससे दूर जाने के बारे में नहीं सोचा. यह पूछे जाने पर कि एक आम धारणा है कि कांग्रेस को मुख्यधारा में लाने के लिए पवार की मदद की जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि सभी समान विचारधारा वाले तत्व एक साथ आएं. 

 

Advertisement
Advertisement