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भीमा कोरेगांव केस NIA को देने पर बोले शरद पवार- जल्दबाजी का फैसला

केंद्र सरकार ने भीमा कोरेगांव केस की जांच महाराष्ट्र पुलिस से लेकर एनआईए को दिए जाने का फैसला किया है. इस फैसले पर शरद पवार ने आजतक से बात की और अपनी नाराजगी जताई.

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भीमा कोरेगांव केस को लेकर शरद पवार ने बोला गृह मंत्रालय पर हमला (फाइल फोटो: PTI)
भीमा कोरेगांव केस को लेकर शरद पवार ने बोला गृह मंत्रालय पर हमला (फाइल फोटो: PTI)

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  • एनआईए के हाथ में गया भीमा कोरेगांव केस
  • फैसले पर शरद पवार ने जताई अपनी नाराजगी

भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 2018 को हुई हिंसा से जुड़े सभी मामलों की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी. मोदी सरकार के इस फैसले पर महाराष्ट्र सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इसे संविधान के खिलाफ बताया है. इस मामले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि एनआईए ने बड़ी जल्दबाजी में यह केस अपने हाथ में लिया है. गौरतलब है कि पिछले दो साल से भीमा कोरेगांव से जुड़े सभी मामलों की जांच महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी.

शरद पवार बोले- केंद्र सरकार ने जल्दबाजी की

शरद पवार ने आजतक से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने बड़ी जल्दबाजी में इस मामले को NIA के पास भेज दिया. इसका मतलब यह है कि मैंने जो पत्र में शंका जताई थी कि जो भाषण शनिवारवाड़ा में हुए थे वो अन्याय और अत्याचार के खिलाफ थे, और उनका नक्सलवाद से कोई लेना-देना नहीं है. पवार ने कहा कि कुछ कवि जिन्हें महाराष्ट्र सरकार ने पुरस्कार दिए, जो न्याय और अधिकार की बात करते थे उन्हें केंद्र सरकार ने जेल में भेजा.

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शरद पवार ने फडणवीस पर बोला हमला

देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोलते हुए पवार ने आगे कहा कि उस समय के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण के 3 महीने बाद एक बयान दिया जिसमें उन्होंने भीमा कोरेगांव प्रकरण पर बात की लेकिन उन्होंने तब भी माओवाद नाम का जिक्र नहीं किया जबकि वो खुद गृह मंत्री थे. जो कार्रवाई पुलिस की ओर से की गई है उस समय पीबी सावंत ने मीडिया में एक बयान दिया था कि पुलिस ने मेरे नाम पर गलत बयान दिया.

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पवार ने अमित शाह पर भी साधा निशाना

पवार ने आगे कहा कि इसलिए तमाम वजहों से मैंने इस मामले की दोबारा से जांच करने की मांग करते हुए उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था. मेरी मांग थी कि एक स्वतंत्र जांच हो और सत्य सामने आए. इसका एक पत्र गृह मंत्री को भी भेजा था. इसके बाद इस मामले पर और जानकारी के लिए गृह मंत्री ने बैठक भी बुलाई और उसके 4 से 5 घंटों में ही इसे केंद्र सरकार ने अपनी एजेंसी को दे दिया.

सरकार के कदम के पीछे का कारण भी बताया

केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि इस मामले की जांच राज्य और केंद्र सरकार दोनों को करनी चाहिए लेकिन इतनी जल्दबाजी में इसे एनआईए को क्यों दिया गया. कुछ गलत लोगों को आरोपी बनाया गया है और जांच में यह एक्सपोज हो जाएगा इसलिए केंद्र सरकार ने इसे अपने पास ले लिया. सच बाहर आने के लिए हमने जो कदम उठाए उसे केंद्रीय गृह मंत्री ने रोका. इस मामले में कोर्ट में जाने का सवाल नहीं उठता, यह केंद्र सरकार का अधिकार है.

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दीपक केसरकर पर शरद पवार ने कहा कि वो MOS थे, मुझे पता है कि MOS के पास कितनी जानकारी होती है, लेकिन मैं इस पर कोई बयान नहीं देना चाहता. फोन टैपिंग पर उन्होंने कहा कि हमें पता है कि हमारे फोन टैप होते हैं, लेकिन फिलहाल इस पर और जानकारी निकालकर बात करना चाहिए.

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