राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में हुई बगावत के बाद रविवार को उप मुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी कोटे के 9 मंत्री अचानक शरद पवार से मिलने के लिए पहुंच गए. इस मुलाकात के बाद अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उन्होंने शरद पवार से विनती की है कि वे पार्टी को जोड़ कर रखें. उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने पवार साहब से ‘आशीर्वाद’ भी लिया है. अब शरद पवार ने इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया दी है.
बीजेपी करती है विभाजनकारी राजनीति
शरद पवार ने एनसीपी के युवा कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्होंने अपनी राह अलग करने का फैसला कर लिया है, क्योंकि वह बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते. पवार ने कहा कि वह अपनी प्रगतिशील राजनीति जारी रखेंगे. शरद पवार ने नासिक (भुजबल के राजनीतिक गढ़) में यूथ विंग के एनसीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और अपना रुख साफ किया. युवा कैडर से बात करते हुए शरद पवार ने राकांपा की विचारधारा को दोहराया और कहा कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति करती है जिसका वह विरोध करते हैं.
शरद पवार की मांग
उन्होंने एनसीपी कैडर के लिए समावेशिता, समानता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. पवार के आज राकांपा विधायकों से मिलने की संभावना है. इससे पहले राकांपा (शरद पवार खेमे) के मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के लिए अजित पवार खेमे के सदस्यों और पार्टी के बाकी विधायकों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था करने की मांग की थी.
रविवार को स्पीकर राहुल नार्वेकर को लिखे गए एक पत्र में, आव्हाड ने कहा कि अजित पवार सहित नौ विधायक जो सरकार में शामिल हुए हैं, उन्हें छोड़ दें तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विपक्ष का हिस्सा है. आव्हाड ने लिखा, 'शपथ लेने वाले नौ विधायकों को छोड़कर, अन्य के लिए बैठने की व्यवस्था अलग से की जानी चाहिए. राकांपा विपक्ष में है और हम विपक्ष में बैठना चाहते हैं.'
रविवार को पवार से मिले थे बागी नेता
रविवार को जब बागी एनसीपी गुट के नेता शरद पवार से मिलने पहुंचे तो सभी ने उनका आशीर्वाद लिया और माफी मांगी. जिस समय ये नेता वाईबी चव्हाण सेंटर में पहुंचे थे, उस समय शरद पवार वहां कोई और मीटिंग कर रहे थे. अचानक अजित पवार अंदर आ गए और उन्होंने शरद पवार के पैर छू लिए. 5 जुलाई को MET कॉलेज में जो भी हुआ, उसके लिए अजित ने माफी मांगी. इसके बाद छगन भुजबल भी अंदर आए और कहा कि भगवान को अपने भक्तों को उनके पाप के लिए माफ कर देना चाहिए. फिर, एक-एक कर सभी मंत्री चैंबर में आए और सभी उनके पैर छूने लगे. लेकिन शरद पवार ने एक शब्द नहीं बोला. 20 मिनट बाद सभी मंत्री वहां से निकल गए.
दोनों पवार में से किसके पास कितनी पावर?
महाराष्ट्र में अभी कुल 53 विधायक हैं. नए समीकरण के हिसाब से अजित पवार का दावा है कि उन्हें 36 विधायकों का समर्थन हासिल है. हालांकि चर्चा है कि अजित के साथ अभी कुल 25 विधायक हैं, जबकि 13 विधायक शरद पवार के खेमे में हैं जबकि 15 विधायक ऐसे हैं, जिनका स्टैंड अभी साफ नहीं हो पाया है. नियमों के तहत देखा जाए तो शरद पवार की स्थिति कमजोर दिख रही है. हालांकि शरद पवार अब भी पार्टी अध्यक्ष हैं.
पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले भी उनके साथ हैं, जबकि अजित पवार के साथ जो नेता हैं, उनमें एक कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल हैं. इस स्थिति में शरद पवार के पास पार्टी को लेकर ज्यादा ताकत है. हालांकि, अभी पदाधिकारियों और सांसदों की स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ पाई है कि कितने किसके साथ हैं. वैसे सांसद सुनील तटकरे अजित गुट के साथ हैं.